Albert Einstein 1939 Letter: अल्बर्ट आइंस्टीन का नाम भला कौन नहीं जानता। फिजिक्स में कई फॉर्मूले देने वाले आइंस्टीन एक बार फिर से सुर्खियों में है। हाल ही में उनका 85 साल पुराना पत्र मिला है। उन्होंने यह खत तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति फ्रैंकलिन डी रुजवेल्ट के नाम लिखा था। सालों बाद यह खत फ्रैंकलिन की लाइब्रेरी से ही मिला। इसमें आइंस्टीन ने पहली बार अमेरिकी राष्ट्रपति को परमाणु बम बनाने की सलाह दी थी।
करोड़ो में नीलाम हुआ लेटर
इस खत पर अल्बर्ट आइंस्टीन के हस्ताक्षर हैं। यह पत्र 3.9 मिलियन डॉलर यानी 32.7 करोड़ रुपये में नीलाम हुआ है। नीलामी की कीमत ने हर किसी के होश उड़ा दिए हैं। सबके मन में बस एक ही सवाल है कि आखिर इस पत्र में ऐसा क्या लिखा था, जिससे पत्र की कीमत करोड़ों में हो गई।
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खत में क्या लिखा था?
अल्बर्ट आइंस्टीन ने इस पत्र के माध्यम से फ्रैंकलिन डी रुजवेल्ट को परमाणु बम से सावधान किया था। आइंस्टीन का कहना था कि शायद जर्मनी परमाणु बम बनाने पर विचार कर रहा है। अमेरिका को भी इसके बारे में सोचना चाहिए। आइंस्टीन की इस चेतावनी के बाद ही दूसरे विश्व युद्ध का शंखनाद हो गया था। अमेरिका ने परमाणु हथियार पर काम करना शुरू किया। 1945 में जापान के हिरोशिमा और नागासाकी में परमाणु बम गिराने के बाद ही द्वितीय विश्व युद्ध पर ब्रेक लगा था।
मैनहेटन प्रोजेक्ट की रखी नीव
अल्बर्ट आइंस्टीन ने अपने पत्र में लिखा कि यूरेनियम को ऊर्जा के स्रोत की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है। इससे अत्यंत शक्तिशाली बम तैयार होगा। अमेरिका को इस पर तुरंत काम शुरू करना चाहिए। इसी खत के बाद अमेरिका ने परमाणु बम बनाने की प्रक्रिया तेज कर दी। इस खत ने मैनहेटन प्रोजेक्ट की नीव रखी और कुछ ही सालों में परमाणु बम बनकर तैयार हो गया।
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