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20 साल उम्र में किया भर्ती, 14 साल बाद भी नहीं हुई डिस्चार्ज; 34 की युवती कैसे आई अस्पताल से बाहर?

Women in Hospital from Last 14 Years: आमतौर पर घर का कोई सदस्य अस्पताल में भर्ती हो जाए तो परिजनों के हाथ-पांव फूलने लगते हैं। मगर चीन के अस्पताल से एक अजीबो गरीब मामला सामने आया है। 20 साल की युवती को अस्पताल में भर्ती करने के 14 साल बाद भी परिजनों ने उसका हाल तक नहीं पूछा।

Edited By : Sakshi Pandey | Updated: Jul 6, 2024 15:37
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women hospitalized

Women in Hospital from Last 14 Years: एक महिला को पिछले 14 सालों से अस्पताल में बंधक बनाकर रखा गया है। 20 साल की उम्र में महिला को मनोरोग संबंधित बीमारी थी। परिजनों ने उसे अस्पताल में भर्ती किया। मगर 14 साल बाद भी कोई महिला को लेने नहीं आया। महिल की उम्र अब 34 साल की है और उसे इसी महीने अस्पताल से छुट्टी मिली है।

14 साल पहले हुई की एडमिट

ये मामला चीन के फुजियान प्रांत का है। किसी गुमनाम शख्स ने ऑनलाइन पोस्ट की मदद से इस मामले को उजागर किया है। यहां मौजूद जियामेन जियानयू अस्पताल में 14 साल पहले 20 साल की लड़की को भर्ती किया गया था। मेडिकल रिपोर्ट्स के अनुसार लड़की मानसिक रूप से बीमार थी। हालांकि चार साल के उपचार के बाद युवती की हालत सुधरने लगी और उसकी मेडिकल रिपोर्ट नॉर्मल आ गई।

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परिजनों ने घर ले जाने से किया इनकार

2014 में जब परिजनों से युवती को घर ले जाने के लिए कहा गया तो उन्होंने डिस्चार्ज पेपर पर साइन करने से साफ इनकार कर दिया। अस्पताल के बार-बार कहने पर भी परिवार ने डिस्चार्ज पेपर पर हस्ताक्षर नहीं किया और युवती सालों तक उसी अस्पताल में मरीज की जिदंगी जीने पर मजबूर रही।

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गांव के शख्स से हुई मुलाकात

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक एक शख्स की पत्नी का इलाज भी उसी अस्पताल में चल रहा था। जब वो शख्स अपनी पत्नी से मिलने अस्पताल पहुंचा तो उसकी मुलाकात उसी युवती से हुई। युवती ने शख्स को फौरन पहचान लिया क्योंकि दोनों एक ही गांव के थे। शख्स ने डॉक्टर से युवती के बारे में पूछा तो डॉक्टर्स ने बताया कि वो बिल्कुल ठीक है और उसे छुट्टी दी जा सकती है। मगर उसका परिवार उसे ले जाने को तैयार नहीं है।

मां ने नहीं ली जिम्मेदारी

शख्स ने गांव में मौजूद महिला के चाचा से संपर्क किया तो उन्होंने बताया कि महिला की जिम्मेदारी उसके माता-पिता पर है। वहीं मां ने बेटी के बारे में बात करने से इनकार कर दिया और सारा दोष पिता के कंधे पर डाल दिया। चाचा का कहना है कि कुछ पारिवारिक विवाद के कारण वो युवती को घर नहीं ला रहे हैं। हालांकि पिता ने इतने सालों से बेटी के अस्पताल का खर्चा संभाल रखा है।

महिला फेडरेशन ने की मदद

मामला सामने आने के बाद महिला फेडरेशन ने युवती की मदद की और उसे अस्पताल से बाहर निकाला। 12 जून के दिन युवती को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया है। युवती को प्रॉपर्टी मैनेजमेंट में नौकरी दी गई है। साथ ही युवती से जुड़ी पोस्ट को सोशल मीडिया से हटवा दिया गया है। जियामेन नगर सरकार की औपचारिक वेबसाइट पर भी शिकायत की कोई जानकारी मौजूद नहीं है।

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Edited By

Sakshi Pandey

First published on: Jul 06, 2024 03:37 PM

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