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दुनिया

5 महीने में बदल गया रंग! कभी टैरिफ तो कभी कश्मीर की बात कर चौंकाया, इन 10 मामलों में दिखे ‘खिलाफ’

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कभी भारत की तारीफ करते हैं तो कभी ऐसे फैसले ले लेते हैं जो भारत के खिलाफ लगते हैं। उनके बर्ताव ने भारत को उलझन में डाल दिया है। दोस्ती की बातें और व्यवहार में फर्क ने भारत को कई बार सोचने पर मजबूर किया है।

Author Reported By : Sanjeev Trivedi Edited By : Ashutosh Ojha Updated: May 15, 2025 20:18
Donald Trump India relations
Donald Trump India relations

पिछले 5 महीनों में डोनाल्ड ट्रंप ने कई ऐसे बयान और फैसले लिए हैं, जिनसे भारत चौंक गया है। कभी वे खुद को भारत का सबसे बड़ा दोस्त बताते हैं, तो कभी ऐसे कदम उठा लेते हैं जो भारत के हितों के खिलाफ दिखते हैं। दोस्ती की बातें और व्यवहार में फर्क ने भारत को सोचने पर मजबूर कर दिया है कि क्या ट्रंप सच में हमारे साथी हैं या सिर्फ अपने फायदे की राजनीति कर रहे हैं। आइए जानते हैं कश्मीर, व्यापार, आतंकवाद और रक्षा जैसे मुद्दों पर ट्रंप की नीति को लेकर भारत की 10 बड़ी शिकायतें।

कश्मीर मुद्दे पर मध्यस्थता की पेशकश

भारत को सबसे ज्यादा आपत्ति इस बात पर है कि डोनाल्ड ट्रंप बार-बार भारत और पाकिस्तान के बीच कश्मीर को लेकर मध्यस्थता की बात करते हैं। भारत हमेशा से कहता रहा है कि कश्मीर एक आंतरिक मुद्दा है और इसमें किसी तीसरे देश का कोई दखल नहीं हो सकता। ट्रंप के बयान भारत की नीति के खिलाफ माने गए हैं।

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युद्ध रोकने का दावा

ट्रंप ने एक बार यह भी कहा कि अमेरिका की वजह से भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध नहीं हुआ। भारत को यह बात अच्छी नहीं लगी, क्योंकि भारत मानता है कि वह खुद किसी भी युद्ध को संभालने में सक्षम है और अमेरिका की कोई जरूरत नहीं है। यह दावा भारत की संप्रभुता को ठेस पहुंचाने वाला लगा।

कश्मीर पर तटस्थता का रवैया

भारत को यह भी दुख पहुंचा कि ट्रंप ने कई बार अपने बयानों में कश्मीर को लेकर भारत और पाकिस्तान को एक ही तराजू में तौला। इससे भारत की स्थिति अंतरराष्ट्रीय मंच पर कमजोर होती है। भारत चाहता है कि अमेरिका साफ-साफ पाकिस्तान के कब्जे वाले आतंकवाद पर बोले, लेकिन ट्रंप इस मुद्दे पर चुप रहे।

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आतंकवाद पर नरमी

भारत की एक और शिकायत यह है कि ट्रंप ने पाकिस्तान द्वारा किए जा रहे सीमा पार आतंकवाद पर कभी कड़ा बयान नहीं दिया। जबकि भारत चाहता है कि दुनिया इस बात को माने कि पाकिस्तान आतंकवाद को समर्थन देता है। ट्रंप की चुप्पी भारत को चुभी है।

IMF सहायता का विरोध

जब पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति खराब हुई तो ट्रंप ने उसे अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से सहायता दिलवाने में मदद की। भारत ने इसका विरोध किया क्योंकि उसे डर था कि यह पैसा आतंकवाद को बढ़ावा देने में इस्तेमाल हो सकता है। अब ट्रंप बांग्लादेश को भी मदद देना चाहते हैं, जो भारत को परेशान कर रहा है।

भारत की व्यापार नीति की आलोचना

ट्रंप ने कई बार सार्वजनिक मंचों पर भारत की व्यापार नीतियों की आलोचना की। उन्होंने कहा कि भारत दुनिया में सबसे ज्यादा टैक्स वसूलता है। जबकि भारत का कहना है कि यह बात पूरी तरह से सही नहीं है और दोनों देशों के बीच व्यापार समझौते पर अभी बातचीत चल रही है।

‘मेक इन इंडिया’ को नुकसान

भारत ने ‘मेक इन इंडिया’ नाम का अभियान चलाया ताकि बड़ी कंपनियां भारत में प्रोडक्शन करें। लेकिन ट्रंप ने टेस्ला और एप्पल जैसी कंपनियों से कहा कि उन्हें भारत में फैक्ट्री लगाने की जरूरत नहीं है। इससे भारत की कोशिशों को झटका लगा और उसे लगा कि ट्रंप भारत का साथ नहीं दे रहे।

टर्की से रक्षा सौदा

भारत अमेरिका के साथ मिलकर इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में ‘क्वाड’ नाम के समूह में है। लेकिन इसके बावजूद ट्रंप ने टर्की से हथियारों का सौदा कर लिया, जबकि टर्की पाकिस्तान का समर्थन करता है और भारत के खिलाफ बोलता है। यह कदम भारत के लिए हैरानी वाला रहा।

भारतीय प्रवासियों के साथ अपमानजनक व्यवहार

अमेरिका में कुछ भारतीय प्रवासियों को अवैध बताकर जंजीरों में बांधकर भारत भेजा गया। यह दृश्य भारत में टीवी और सोशल मीडिया पर बहुत दिखाया गया और लोगों को बहुत गुस्सा आया। भारत को लगा कि ट्रंप सरकार भारतीयों को सम्मान नहीं दे रही है।

ट्रंप की असली मंशा पर सवाल

इन सब घटनाओं के बाद भारत के कई विशेषज्ञ और आम लोग सोचने लगे हैं कि क्या ट्रंप सच में भारत के मित्र हैं या फिर वे सिर्फ अमेरिका के फायदे के लिए काम करते हैं। भले ही ट्रंप सार्वजनिक रूप से भारत के पक्ष में बोलें, लेकिन उनके फैसले अक्सर भारत के खिलाफ नजर आते हैं।

First published on: May 15, 2025 05:19 PM

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