Odisha Potato Politics ask help from Mamata Banerjee: ओडिशा में पोटैटो पॉलिटिक्स शुरू हो गई है। इस पोटैटो पॉलिटिक्स को लेकर पक्ष और विपक्ष में जीत की होड़ लगी है। मजे की बात तो ये है कि इसका हल पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के पास है। ऐसे में सवाल ये है कि क्या ममता दीदी ओडिशा की मदद करेंगी? आप सोच रहे होंगे कि भला ये पोटैटो पॉलिटिक्स क्या है? क्या सत्ता के गलियारों में कोई नया शब्द आया है? तो आइए विस्तार से जानते हैं कि पूरा मामला क्या है?
मोहन मांझी ने की ममता से मुलाकात
बता दें कि ओडिशा में आलू के दाम इन दिनों आसमान छू रहे हैं। ओडिशा के बाजार में आलू 50-55 रुपये किलो बिक रही है। ऐसे में सत्तारूढ़ दल बीजेपी और विपक्ष में मौजूद बीजेडी ने तृणमूल कांग्रेस की नेता और पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी से मदद मांगी है। सबसे पहले विपक्षी दल के नेता और ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने ममता को पत्र लिखकर आलू भेजने की अपील की। पत्र में उन्होंने लिखा कि बरसात के कारण ओडिशा में आलू की कीमतें बढ़ गईं हैं। वहीं राज्य के नए सीएम मोहन मांझी खुद ममता दीदी से मिलने पहुंच गए। दिल्ली में आयोजित नीति आयोग की बैठक के बाद मोहन मांझी ने ममता से मुलाकात कर मदद की गुहार लगाई है।
पश्चिम बंगाल ने लगाई रोक
बता दें कि उत्तर प्रदेश के बाद पश्चिम बंगाल दूसरे नंबर पर सबसे ज्यादा आलू निर्यात करता है। अब सवाल ये है कि ममता बनर्जी आखिर किसकी मदद करेंगी? हालांकि ममता के सामने इससे भी बड़ी एक मुश्किल है। पश्चिम बंगाल के सब्जी बिक्रेताओं ने प्रशासन से तंग आकर हड़ताल शुरू कर दी है। ऐसे में बंगाल सरकार ने भी राज्य में आलू की कीमतों में उछाल ना आने के डर से निर्यात पर रोक लगा दी है।
यह भी पढ़ें- क्या अमेरिकी चुनाव में गूगल दे रहा दखल? एलन मस्क का दावा- ट्रंप को किया बैन