केतु को क्रूर ग्रहों में से एक माना जाता है। जिस व्यक्ति की राशि में केतु खराब हो, उसकी जिंदगी में उथल-पुथल मची रहती है। आए-दिन कोई न कोई तकलीफ उसके सामने आ खड़ी होती है। हालांकि ये जरूरी नहीं है कि केतु हर किसी को अशुभ फल दे। यदि कुंडली के सही भाव में केतु विराजमान होता है तो उसका शुभ प्रभाव व्यक्ति के जीवन पर पड़ता है।
जन्म कुंडली में कुल 12 भाव होते हैं। हर एक ग्रह की अपनी खासियत है। कुंडली में चौथा भाव भूमि, मां, मकान, वाहन और संपत्ति का होता है। इसके अलावा इस भाव का संबंध सुख-सुविधाओं से भी है। कई ग्रहों के लिए ये भाव शुभ होता है, जिसके कारण व्यक्ति को हर चीज का सुख मिलता है।
आज प्रश्न कुंडली विशेषज्ञ पंडित सुरेश पांडेय आपको ये बताने जा रह हैं कि कुंडली के चौथे भाव में केतु का होना शुभ होता है या नहीं। साथ ही आपको ये भी पता चलेगा कि इस परिस्थिति में व्यक्ति को किन-किन बातों पर खास ध्यान देने की जरूरत है। दरअसल, जब भी केतु का गोचर होता है तो उसका प्रभाव व्यक्ति की कुंडली के प्रत्येक भाव में पड़ता है, जिसके कारण उन्हें शुभ और अशुभ दोनों तरह के परिणाम प्राप्त हो सकते हैं। यदि आप जानना चाहते हैं कि कुंडली के चौथे भाव में केतु का होना शुभ है या अशुभ तो इसके लिए ऊपर दिए गए वीडियो को देखें।
ये भी पढ़ें- Video: शनि की कृपा से इस राशि-लग्न वालों के जीवन में बढ़ेंगी खुशियां, नहीं होगी कोई बड़ी स्वास्थ्य समस्या
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।