पहलगाम हमले के बाद भारत की तरफ से ऑपरेशन सिंदूर शुरू करने के साथ ही आतंकवाद को जड़ से खत्म करने का अभियान शुरू हो गया है। पाकिस्तान को कड़ी पटकनी देने के साथ ही आतंकियों का भी जड़ से सफाया किया जा रहा है। जम्मू में खासतौर से आर्मी स्पेशल ऑपरेशन चला रही है। अक्सर ऐसा होता है कि आतंकी खुद का बचाव करने के मकसद से आम लोगों से मदद लेते हैं और उनके घर पर छिप जाते हैं। ऐसे में आपकी जानकारी के लिए बता दें, जम्मू और कश्मीर में अगर आतंकियों के खिलाफ सेना के ऑपरेशन में किसी का घर को नुकसान होता है तो सरकार की तरफ से पूरी मदद मुआवजा के तौर पर मिलेगी।
जम्मू एवं कश्मीर में सीपीएमएफ और सेना द्वारा कार्रवाई के दौरान क्षतिग्रस्त अचल/चल संपत्ति के लिए सहायता के लिए केंद्रीय योजना (Central Scheme For Assistance Towards Damaged Immovable/Movable Property During Action by CPMFs And Army in Jammu & Kashmir)
केंद्रीय गृह मंत्रालय की इस खास योजना के तहत घर और उसके सामान को होने वाले नुकसान में सरकार 10 लाख रुपये तक देती है। आपको बता दें, यह स्कीम साल 2010 से चल रही है।
सेना की मदद करें
अगर कोई आतंकी घर में छिपने की कोशिश करता है तो उसका बचाव करने की बजाय सेना का सहयोग दें। सेना के ऑपरेशन के दौरान कोई भी नुकसान होगा, उसकी भरपाई सरकार करेगी। इस योजना के तहत घर को हुआ नुकसान कवर होगा। इसके अलावा रखे सामान के लिए भी पैसा दिया जाएगा।
सरकार कितना देती है पैसा?
सेना के ऑपरेशन में हुए नुकसान के बदले में 10 लाख रुपये तक की मदद मिल सकती है। घर को नुकसान होने पर मिलेंगे 7 लाख रुपये और सामान के लिए 3 लाख रुपये तक देने का प्रावधान है। यह मदद केंद्र सरकार की ओर से मिलती है। ऐसे में आपको ऑपरेशन के 30 दिनों के अंदर ही अप्लाई करना होगा।
किन्हें नहीं मिलेगा पैसा
हालांकि, अगर कोई जानबूझकर आतंकियों की मदद करता है तो इस योजना का लाभ आपको नहीं मिलेगा। अगर मकान मालिक या किराएदार का नाम मदद देने में आता है तो सरकार कोई मदद नहीं करेगी।
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