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क्या राघोपुर से तेजस्वी यादव के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे प्रशांत किशोर, क्या बोले PK?

Prashant Kishor Press Conference : जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने बिहार विधानसभा चुनाव में अपने चुनावी मैदान में उतरने के संकेत दिए हैं। उन्होंने कहा है कि पार्टी चाहेगी तो वह चुनाव जरूर लड़ेंगे।

Author Edited By : News24 हिंदी Updated: Mar 6, 2025 20:08
Prashant Kishor, Bihar Election 2025।
प्रशांत किशोर को सीएम नीतीश के गांव कल्याण बिगहा में जाने की नहीं मिली इजाजत। (फाइल फोटो)

Prashant Kishor Press Conference: जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने इस साल होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव में अपने चुनावी मैदान में उतरने के संकेत दिए हैं। उन्होंने कहा कि अगर पार्टी ने उन्हें उम्मीदवार के रूप में चुना तो वह चुनाव जरूर लड़ेंगे। प्रशांत किशोर ने यह बयान 6 मार्च को पूर्वी चंपारण में आयोजित एक प्रेस वार्ता के दौरान दिया। उन्होंने अपनी पार्टी के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को भी चुनाव की तैयारी में जुट जाने का निर्देश दिया है। प्रेस वार्ता में प्रशांत किशोर ने शराबबंदी के मुद्दे पर और भी तीखा बयान देते हुए कहा कि अगर शराबबंदी के कारण विकास होता है, तो पीएम मोदी को इसे पूरे देश में लागू करने के लिए पहल करनी चाहिए, खासकर उत्तर प्रदेश में, ताकि सभी राज्यों को इसका फायदा मिल सके।

मैदान में उतरने के लिए तैयार 

प्रशांत किशोर का मुख्य उद्देश्य इस बार बिहार के लालू परिवार के गढ़ राघोपुर में सेंध लगाना है। राघोपुर जो फिलहाल तेजस्वी यादव का निर्वाचन क्षेत्र है  वह लालू परिवार का मजबूत किला माना जाता है। इस संबंध में पीके ने बताया कि राघोपुर से पार्टी के किसी कार्यकर्ता ने उनके नाम पर चुनाव लड़ने के लिए आवेदन किया है। हालांकि, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यदि पार्टी निर्णय लेती है तो वह चुनावी मुकाबले में उतरने के लिए तैयार हैं।

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शराब बंदी को पीएम मोदी भाजपा शासित प्रदेशों में लागू करें

प्रशांत किशोर ने बिहार में शराबबंदी पर भी जोरदार हमला किया। उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी से सवाल करते हुए कहा कि अगर शराबबंदी बिहार में इतनी प्रभावी और अच्छी है, तो मोदी जी इसे पूरे देश और भाजपा शासित राज्यों में क्यों नहीं लागू करते? उन्होंने आरोप लगाया कि बिहार में शराबबंदी सिर्फ एक दिखावा बनकर रह गई है, जबकि इसके नाम पर शराब की होम डिलीवरी की जा रही है और इसका लाभ अफसरों, नेताओं और माफियाओं को मिल रहा है। पीके ने यह भी कहा कि शराबबंदी से बिहार को लाखों-करोड़ों का नुकसान हो रहा है, जबकि यह पैसा कुछ लोगों के हाथों में जा रहा है।

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First published on: Mar 06, 2025 08:06 PM