G20 Summit 2023 India Declaration: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में नई दिल्ली में आयोजित जी-20 शिखर सम्मेलन में कई अहम मुद्दों पर सहमति बनी है। इसमें पर्यावरण, आतंकवाद और जलवायु परिवर्तन जैसे जरूरी मुद्दों पर जोर दिया गया है। आइये जानते हैं कि जी-20 के घोषणा पत्र में अन्य मुद्दों को अहमियत दी गई है।
खाद्य वस्तुओं पर जोर
जी-20 सम्मेलन में शनिवार को जारी घोषणा पत्र में कहा गया है कि वर्तमान में जरूरी चीजों की कीमतों से लोगों का जीवनयापन प्रभावित हो रहा है। ऐसे में खाद्य पदार्थों के अलावा कृषि और उर्वरक के क्षेत्र में मुक्त व्यापार को बढ़ावा देने की नीति पर काम हो। यह विश्व व्यापार संगठन के नियमों के विपरीत हो।
आपसी सहयोग पर जोर
भारत मध्य पूर्व यूरोप कनेक्टिविटी कॉरिडोर जल्द ही लॉन्च किया जाएगा। यह भारत, यूएई, सऊदी अरब, EU, फ्रांस, इटली, जर्मनी और अमेरिका को शामिल करते हुए कनेक्टिविटी और बुनियादी ढांचे को लेकर सहयोग पर एक पहल होगी।
संस्थानों को बनाा होगा बेहतर
बेहतर, बड़े और अधिक प्रभावी बहुपक्षीय विकास बैंक(MDB) की आवश्यकता पर सहमति व्यक्त की गई। बेहतर बड़े और अधिक प्रभावी एमडीबी का होना आवश्यक है क्योंकि दुनिया भर से विकासात्मक मांगें बहुत बढ़ रही हैं, इसलिए इन संस्थानों को बेहतर और बड़ा बनाना होगा। यह कहना है कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का।
बहुपक्षीय विकास बैंक (MDB) को मजबूत करने पर जी-20 स्वतंत्र विशेषज्ञ समूह की स्थापना की गई थी और इसने अपना खंड-1 प्रस्तुत किया है। उनकी रिपोर्ट में 2 खंड हैं, पहला खंड पहले ही प्रस्तुत किया जा चुका है। रिपोर्ट एक ट्रिपल एजेंडे की सिफारिश करती है जो बेहतर, बड़े और अधिक प्रभावी MDBs के आह्वान के साथ मेल खाता है। एमडीबी को मजबूत करने का तीसरा बिंदु विश्व बैंक की वित्तपोषण क्षमता को बढ़ाने की दिशा में सामूहिक रूप से काम करने पर समझौता है।
India-Europe Economic Corridor को लेकर मोदी-बाइडेन समेत किस नेता ने क्या कहा?
जी-20 पर विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि यह हमारे लिए हमारी संस्कृति, परंपरा और विरासत को दर्शाने का एक अवसर था। जी-20 ने भारत को विश्व के लिए तैयार करने में योगदान दिया है। हमारे लिए यह संतुष्टि की बात है कि अफ्रीकन यूनियन को आज भारत की अध्यक्षता में जी-20 को स्थायी सदस्यता दी गई।
आईएमएफ और एफएसबी का सहयोग
क्रिप्टो परिसंपत्तियों पर स्पष्ट नीति के लिए वैश्विक प्रयासों ने भारत की अध्यक्षता के दौरान गति पकड़ी है और इस पर वैश्विक सहमति भी बन रही है। एफएसबी क्रिप्टो परिसंपत्तियों के लिए विश्व स्तर पर समन्वित दृष्टिकोण के लिए नियामक ढांचे की रूपरेखा भी निर्धारित कर रहा है, इसलिए भारत द्वारा जी-20 की अध्यक्षता के दौरान आईएमएफ और एफएसबी के सहयोग से इन रूपरेखाओं को निर्धारित किया जा रहा है।