Frustrated Uber User Rants: सोशल मीडिया पर आए दिन हजारों पोस्ट और वीडियो सामने आते हैं। जहां कुछ हमें हंसा कर जाते हैं, वहीं कुछ पोस्ट से हमे बहुत कुछ सीखने को मिलता है। हाल ही में सोशल मीडिया पर एक पोस्ट सामने आया है, जिसमें एक यूजर ने उबर की ज्यादा चार्ज और सर्विस पर सवाल उठाया है। व्यक्ति ने अपने पोस्ट मे कहा कि कभी उबर लोगों के लिए एक उम्मीद था, लेकिन अब ये भी अन्य टैक्सी सर्विसेज की तरह हो गया है। आइए इसके बारे में जानते हैं।
सोशल मीडिया पर पोस्ट वायरल
इस पोस्ट में यूजर ने अपनी परेशानी बताते हुए कहा है कि एक समय था जब पारंपरिक टैक्सियों की मनमानी और खराब सेवा से लोग परेशान थे। तब Uber एक नई उम्मीद बनकर आया और लोगों ने इसे हाथों-हाथ अपना लिया। सस्ती, सुविधाजनक और बेहतर सेवा के वादे के साथ इस कैब सर्विस ने पूरे बाजार पर कब्जा कर लिया। लेकिन समय के साथ, Uber ने भी वही रास्ता अपना लिया, जिससे लोग भागकर इसके पास आए थे।
How Uber made a Boiling frogs out of all of us.
---विज्ञापन---First they said you can book a cab, anytime you want from your phone. The cab will be clean, will never refuse and will pick you up right at your doorstep. All this at a cost which is lower than a normal cab.
We used it in droves.…
— The Kaipullai (@thekaipullai) February 25, 2025
क्या हो रही परेशानी?
जैसा कि हम जानते हैं कि पहले Uber ने सस्ती सेवाएं और ऑफर देकर पारंपरिक टैक्सियों को पीछे छोड़ दिया। जब बाजार में इसका दबदबा बन गया और दूसरे ऑप्शन खत्म हो गए, तब यात्री मजबूर होने लगे। पहले किराए कम थे, फिर धीरे-धीरे बढ़ा दिए गए। कारण बताया गया कि लोग सुविधा के लिए कुछ ज्यादा पैसे देने को तैयार हैं। इसके अलावा कैब क्लास डिवाइड कर दिया गया, जैसे हवाई जहाज में अलग-अलग क्लास होती हैं, वैसे ही Uber ने भी कैब्स को अलग कैटेगरी में बांट दिया।
टिप देने का दबाव
अगर आपको साफ-सुथरी और समय पर आने वाली कैब चाहिए, तो ज्यादा पैसे देने होंगे। पहले से ही बढ़े हुए किराए के ऊपर अब ड्राइवर को टिप देने का दबाव भी बनाया जाने लगा। जब Uber ने देखा कि मांग ज्यादा है, तो एक नया ट्रेंड शुरू हुआ, जिसे सर्ज प्राइसिंग कहते हैं। यानी अगर कैब की कमी है, तो आपको अधिक पैसे देने होंगे, तभी गाड़ी मिलेगी। इसके अलावा कई बार एक ही रूट के लिए अलग-अलग लोगों से अलग-अलग किराए वसूले जाते हैं। फोन मॉडल, बैटरी लेवल और यूजर हिस्ट्री के आधार पर किराया बदलता है। जब इस पर सवाल उठाए जाते हैं, तो AI को कारण बताया जाता है।
क्या कर रहा उबर?
Uber अब वही कर रहा है, जिससे बचने के लिए हमने इसे अपनाया था। जब Uber शुरू हुआ, तब यह टैक्सी कंपनियों की मनमानी और बदतमीजी का विकल्प था। लेकिन अब जब यह खुद एक एकाधिकार (monopoly) बन गया है, तो वही सब कुछ करने लगा है, जिसमें मनमाने किराए, कस्टमर्स की मजबूरी का फायदा और ट्रांसपेरेसी की कमी शामिल है।
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