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Viral Video: 250 साल पुरानी मस्जिद में युवक ने की ‘अजान’, भुगतना पड़ा अंजाम

Muslim Man Azan Video Viral: जिस जगह पर मुगल काल से विवाद चल रहा है, उस पर नमाज पढ़कर शख्स ने फिर विवाद खड़ा कर दिया, देखें वीडियो...

Edited By : Khushbu Goyal | Updated: Jan 7, 2024 15:01
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Umer Qureshi Offering Namaz Outside Mosque
250 साल पुरानी विवाद जगह पर नमाज पढ़ता उमर कुरैशी।

Man Offered Azaan In Ancient Mosque Video Viral: सोशल मीडिया पर एक शख्स का नमाज पढ़ने का वीडियो काफी वायरल हो रहा है। इस वीडियो पर लोग तरह-तरह के कमेंट कर रहे हैं। वहीं युवक के नमाज पढ़ने पर काफी विवाद भी हो रहा है। पुलिस तक की मामले में एंट्री हो गई। हालांकि नमाज पढ़ना मुसलमानों का रूटीन है, लेकिन इस शख्स के नमाज पढ़ने पर विवाद क्यों हो रहा, यह सवाल आपके दिमाग में होगा। दरअसल, सोशल मीडिया पर 12 सेकेंड का अजान का वीडियो है, जिसमें एक शख्स अजान पढ़ रहा है। सामने एक पुरानी-सी खंडहर और वीरान पड़ी मस्जिद है। शख्स और मस्जिद के बीच में गोबर के उपले हैं, जिन्हें देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि मस्जिद की हालत आज क्या है? यहां लोग अपने जानवरों को बांधते हैं और उनके गोबर के उपले बनाते हैं।

 

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अजान पढ़ने पर विवाद क्यों हुआ?

आज पढ़ने वाले युवक की पहचान 20 वर्षीय उमर कुरैशी के रूप में हुई है, जो उत्तर प्रदेश के जलालाबाद का रहने वाला है। वहीं जिस मस्जिद के बाहर वह नमाज पढ़ रहा है, वह शामली में है और करीब 250 साल पुरानी है। हालांकि इस जगह के मस्जिद होने पर विवाद है, क्योंकि 4 बीघा जमीन में बनी यह इमारत मुगल कालीन बताई जाती है। कुछ लोग इसे मस्जिद कहते हैं तो कुछ लोग इसे मनाहर राजाओं का महल बताते हैं। इसलिए जब उमर ने यहां नमाज पढ़ी तो विरोधी पक्ष के लोगों ने सवाल उठाए। विवाद न बढ़े, इसलिए मामले में पुलिस ने एक्शन लेते हुए उमर को गिरफ्तार कर लिया। उसके खिलाफ IPC की धारा 505 (2) (शत्रुता को बढ़ावा देना) और IT एक्ट के तहत किस दर्ज किया। खुद शामली के SP अभिषेक ने मामले की जानकारी मीडिया को दी और कार्रवाई करने के बारे में भी बताया।

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मुगल काल से चल रहा जगह पर विवाद

SP अभिषेक ने बताया कि उमर कुरैशी पर विवादित जगह पर नमाज पढ़कर उसका वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर अपलोड करके वर्ष 1940 में ब्रिटिश सरकार द्वारा जारी किए गए आदेश का उल्लंघन किया है। 1940 के आदेश के अनुसार, शामली में बनी मस्जिद में नमाज पढ़ने की अनुमति नहीं है। हालांकि मस्जिद खंडहर हो चुकी है, लेकिन इसकी इमारत जर्जर हालत में आज भी मौजूद है। बहुसंख्यक समुदाय इसे मनाहर राजाओं से जोड़ता है। अन्य लोग दावा करते हैं कि यह एक मस्जिद है। मुगल काल से यह जगह विवादित थी। 1940 में इस जगह नमाज-पूजा फिर से शुरू की गई तो दंगे हो गए। इसके चलते तत्कालीन DM और जसमौर रियासत के महाराजा की उपस्थिति में एक ‘पंचायत’ हुई जिसमें आम सहमति बनी कि इस जगह न मुस्लिम जा सकेंगे और न ही हिन्दू जाएंगे। अंगेजों ने आदेश पारित किया।

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विवाद न बढ़े, इसलिए पुलिस कार्रवाई हुई

मनहर खेड़ा किला कल्याण समिति के सचिव भानु प्रताप सिंह बताते हैं कि साल 1350 से यह जगह मनहर किले का हिस्सा रही है। यहां मनहर खेड़ा के हिंदू राजाओं ने शासन किया था, जिस पर बाद में मुगलों ने नियंत्रण कर लिया था। यह क्षेत्र नजीब-उद-दौला के प्रभाव में था, जो कादिर नजीब-उद-दौला के पोते थे, जिन्होंने नजीबाबाद की स्थापना की थी। नजीब-उद-दौला ने इस जगह को मस्जिद बना दिया, लेकिन आज यहां कोई मुस्लिम परिवार नहीं रहता है, फिर भी विवाद है। इसी विवाद के चलते अब यह मामला उठा और पुलिस धार्मिक भावनाएं आहत करने का आरोप लगाया गया। हिन्दुओं और मुसलमानों में विवाद न हो, इसलिए पुलिस ने उमर को गिरफ्तार करके कार्रवाई की।

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Edited By

Khushbu Goyal

First published on: Jan 07, 2024 03:00 PM

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