Mount Everest Facts: दुनिया में कई लोगों को नई-नई जगह पर जाना बहुत पसंद होता है। आमतौर पर कहीं घूमने जाने का एक नॉर्मल प्लान होता है, जिसमें उस जगह पर जाकर सारी सुविधाएं आपको मिलती हैं जैसे- वहां ठहरना, खाना-पीना, नहाने के साथ साथ नेचर कॉल पॉटी करना भी है। वैसे तो हर जगह पर इसके लिए टॉयलेट बने होते हैं, लेकिन क्या होगा जब आप ऐसी जगह पर जा रहे हों जहां पर टायलेट ही ना हो? और साथ ही एक ऐसा कानून भी हो कि वहां पर पॉटी करने के बाद उसको उठाकर लाना पड़े, नहीं तो फिर आपको जेल की हवा खानी पड़ सकती है?
पॉटी बैग में रखो
दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर जाने के लिए लोग काफी तैयारी करते हैं। इस पूरी यात्रा में काफी लंबा सफर रहता है, उसके लिए जरूरत का हर सामान लेकर जाया जाता है। यहां ट्रैकर्स के सामने समस्या ये आती है कि टायलेट के लिए कहां पर जाएं। इतने दिन तक एवरेस्ट की चढ़ाई की जाती है, फिर वहां पर जाने वाले लोग क्या करते है। आसान भाषा में समझिए कि माउंट एवरेस्ट पर पॉटी करके अपने साथ क्यों कैरी करना पड़ती है।
K2, Bottleneck traverse. This section of the climb is INSANE. You spend several hours underneath a giant ice cliff in an exposed position at 8200m+, 1/3 normal oxygen levels & knowledge that many people slipped and fallen off from here. Witness the footage from the summit day OTD… pic.twitter.com/RQ7094PXfU
— Everest Today (@EverestToday) July 27, 2024
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दरअसल, 2014 में माउंट एवरेस्ट पर जाने वालों के लिए कानून बनाया गया कि वहां पर जाने वाले लोग उनकी फैलाई गंदगी को अपने साथ ही वापस लेकर आएंगे। अगर कोई अपनी पॉटी को वहां पर छोड़कर आता है तो उसको जेल जाना पड़ सकता है।
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क्या है इसके पीछे का लॉजिक?
माउंट एवरेस्ट पर जमा देने वाली सर्दी पड़ती है, ऐसे में अगर कोई पॉटी करता है तो वो बर्फ की वजह से वहीं पर जम जाएगी। ये जमकर कोई पत्थर नहीं बन जाएगी बल्कि जब ये बर्फ पिघलेगी तो इस पॉटी का सैलाब आ सकता है, जिसमें यात्री उसमें बह सकते हैं। माउंट एवरेस्ट पर हर साल हजारों की संख्या में लोग चढ़ाई करते हैं। 2014 से पहले यहां पर पॉटी के ढेर लगने लगे थे, जिस कारण ये नियम बनाया गया।