Kanhaiya Lal Case Udaipur: कहते हैं कि किस्मत कब, किसे, क्या दे दे कुछ नहीं कहा जा सकता है। बिना परीक्षा, इंटरव्यू के नौकरी भी मिल सकती है। 32 साल के प्रहलाद सिंह के साथ भी ऐसा ही हुआ। उन्हें ना तो कोई परीक्षा देनी पड़ी और ना कोई इंटरव्यू हुआ बल्कि एक फोन कॉल आई और उन्हें नौकरी मिल गई।
कन्हैयालाल हत्याकांड आपको याद है? उदयपुर में एक टेलर का गला काट वीडियो बनाया गया था। गौस मोहम्मद ने एक शख्स के साथ मिलकर कन्हैयालाल की दुकान पर ग्राहक बनकर पहुंचे थे और मौका मिलते ही गला काट दिया था। प्रहलाद सिंह का इसी घटना के साथ कनेक्शन है।
क्या है कन्हैयालाल हत्याकांड से कनेक्शन?
दरअसल जब गौस मोहम्मद, कन्हैयालाल की हत्या कर फरार हो गया था तो चारों तरह अलर्ट जारी किया गया था। पुलिस को जानकारी मिली कि घटना के बाद आरोपी उदयपुर से राजसमंद की तरफ भागे हैं। प्रहलाद सिंह के एक दोस्त जो पुलिस में हैं, उनका कॉल आया और उन्होंने प्रहलाद सिंह से वहां से गुजर रहे लोगों पर नजर रखने के लिए कहा।
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फोन कॉल के दौरान ही प्रहलाद सिंह को दो लोग दिखाई दिए, ये वही दोनों थे जिन्होंने कह्नैयालाल की हत्या की थी। प्रहलाद सिंह ने अपने दोस्तों के साथ कुछ किमी तक इनका पीछा किया और पकड़कर पुलिस को इसकी जानकारी दी थी। तब राजस्थान में गहलोत सरकार थी और प्रहलाद सिंह को नौकरी देने का वादा किया था।
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हालांकि इस घटना के बाद दो साल तक अशोक गहलोत की सरकार राजस्थान में थी लेकिन प्रहलाद सिंह को नौकरी नहीं मिल पाई थी। वहीं अब बीजेपी सरकार ने प्रहलाद सिंह नौकरी दी है। प्रहलाद सिंह के पास एक कॉल आई और नौकरी दिए जाने की सूचना दी गई। उन्हें राजसमंद जिले में देवगढ़ कस्बे में स्थित उपखंड कार्यालय में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी की नौकरी दी गई है।