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बैंक में हुई कोई गड़बड़ तो कर्मचारी करेंगे सुसाइड, इस देश में है ये अजीब पॉलिसी

जापान के एक बैंक के कर्मचारियोंअगर बैंक की किसी भी फाइनेंशियल गड़बड़ में शामिल हुए तो उनको सुसाइड करना पड़ेगा। इसके लिए उनसे शपथ पत्र साइन करवाया जाता है।

Edited By : Ankita Pandey | Updated: Nov 25, 2024 16:30
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Japanese Bank
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Unique Bank Policy:  जापानी अपने स्ट्रॉन्ग वर्क एथिक्स के लिए जाने जाते हैं। ऐसे में लगभग हर सेक्टर में आपको कड़ी और मजबूत पॉलिसी देखने को मिलती है। मगर क्या हो कि अगर काम के दौरान किसी गड़बड़ी के कारण आपको अपनी जान गवानी पड़ी तो? ऐसा हम नहीं कह रहे, जापान के एक बैंक में कुछ ऐसी ही पॉलिसी है। इस पॉलिसी के तहत अगर कोई कर्मचारी किसी भी वित्तीय अनियमितता में शामिल पाया जाता है तो उसे आत्महत्या करनी पड़ सकती है। जापान के शिकोकू बैंक के कर्मचारियों ने शपथ ली है कि वे किसी भी वित्तीय गड़बड़ी में शामिल नहीं होंगे और किसी भी तरह से धन का गबन या दुरुपयोग करते पाए जाने पर आत्महत्या कर लेंगे। सोशल मीडिया पर एक पोस्ट वायरल हो रही है। आइए इसके बारे में जानते हैं।

सोशल मीडिया पर शेयर हुआ पोस्ट

जापान के एक एक्स अकाउंट पर बैंक की वेबसाइट का एक स्क्रीनशॉट शेयर हुआ है, जिसमें एक अजीबोगरीब शपथ सामने आई है। इस पोस्ट में एक्स अकाउंट ने जापानी बैंकों की अमेरिकी बैंकों के कॉर्पोरेट मैनेजमेंट की तुलना की, जहां बड़े पैमाने पर हो रहे फाइनेंशियल स्कैम को कम करने के लिए खतरनाक पॉलिसी तैयार की गई है।

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पोस्ट में बताया गया कि शिकोकू बैंक के अधिकारियों द्वारा हस्ताक्षरित शपथ में लिखा है, ‘ इस बैंक द्वारा नियोजित कोई भी व्यक्ति जिसने बैंक से पैसे चुराए हैं या दूसरों को चोरी करने के लिए प्रेरित किया है, वह अपनी संपत्ति से इसका भुगतान करेगा और फिर आत्महत्या कर लेगा।’

बैंक की वेबसाइट के अनुसार, 23 कर्मचारियों ने खून से शपथ पर हस्ताक्षर किए हैं। यह शपथ बैंक के ऑपरेशन को सुनिश्चित करने के लिए तैयार किया गया है। शिकोकू बैंक के सैंतीसवें राष्ट्रीय बैंक के अध्यक्ष मिउरा सहित सभी 23 कर्मचारियों ने इसे खून से साइन किया और  मुहर भी लगाई है।

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क्या है ‘सेप्पुकु’?

पोस्ट के अनुसार  वेबसाइट  पर यह बात साफ की गई है कि यदि बैंक में कोई वित्तीय लेनदेन में कोई अनियमितता पाई जाती है, तो आरोपी प्रभावित ग्राहकों को वापस भुगतान करेगा और फिर ‘सेप्पुकु’ करेगा। सेप्पुकु को  हारा-किरी भी कहा जाता है। यह जापान की एक अनुष्ठान आत्महत्या का एक रूप है। यह ऐतिहासिक रूप से सम्मान को बनाए रखने के तरीके के रूप में समुराई द्वारा अभ्यास किया गया था। बैंक के अनुसार, शपथ न केवल एक बैंक कर्मचारी के रूप में बल्कि समाज के सदस्य के रूप में भी नैतिकता और जिम्मेदारी की भावना को उजागर करती है और इसे शिकोकू बैंक के खजाने के रूप में देखा जा रहा है।

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Edited By

Ankita Pandey

First published on: Nov 25, 2024 03:52 PM

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