Swatantrata Diwas: इस बार हिंदुस्तान अपना 77वां स्वतंत्रता दिवस समारोह धूमधाम से मनाने जा रहा है। 144 करोड़ भारतीयों को इस दिन का बेसब्री से इंतजार रहता है। राजधानी दिल्ली में 15 अगस्त को लेकर कड़े सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं। स्वतंत्रता दिवस समारोह गर्व का प्रतीक है। जो हमें आजादी के उन परवानों की याद दिलाता है, जिन्होंने हंसते-हंसते अपना बलिदान देश के लिए दिया। 15 अगस्त का दिन हमें एकता और अखंडता का संदेश देता है। आपको 10 ऐसी रोचक बातें बताते हैं, जो स्वतंत्रता दिवस समारोह से जुड़ी हुई हैं। हर भारतीय को इन बातों का पता होना चाहिए। आजादी के जश्न के मौके पर राष्ट्रध्वज, राष्ट्रगान और ध्वजारोहण से जुड़ी ये जानकारियां काम की हैं।
पहला आंदोलन
अंग्रेजों ने भारत पर करीब 200 साल तक राज किया। अंग्रेजों को उखाड़ फेंकने के लिए पहला आंदोलन 1857 में शुरू हुआ था। ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के खिलाफ देशभर में क्रांति फैली और पूरे देश में लोगों ने अंग्रेजों के खिलाफ बिगुल फूंका था। अंग्रेजों के बढ़ते उत्पीड़न के खिलाफ पहली बार भारतीय ताकतों ने विरोध जताया था।
We are thrilled to announce that NSS Volunteers from all across the country are invited as special guests to witness the Independence Day Celebration at Red Fort, New Delhi on 15th August, 2024. #IndependenceDay2024 #NSSVolunteers pic.twitter.com/IARENl4vz4
— NSS India (@_NSSIndia) August 13, 2024
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पहला ध्वजारोहण
15 अगस्त 1947 को आजादी मिलने के बाद पहली बार लाल किले पर पंडित जवाहर लाल नेहरू ने तिरंगा फहराया था। तभी से ये परंपरा जारी है। हर साल प्रधानमंत्री लाल किले की प्राचीर से देश को संबोधित करते हैं। हर साल ध्वजारोहण किया जाता है।
तिरंगे का डिजाइन
आपको बता दें कि भारतीय ध्वज के डिजाइन को पिंगली वेंकैया ने तैयार किया था। महात्मा गांधी को इसका मूल डिजाइन 1921 में पेश किया गया था। लेकिन वर्तमान तिरंगे के डिजाइन को 22 जुलाई 1947 को संविधान सभा ने मंजूरी दी थी।
#78thIndependenceDay
ADDC Baramulla,@PerzadaQamar unfurls the National Flag, & inspects the parade during full dress rehearsals for the Independence Day 2024 at Showkat Ali Sports Stadium Baramulla.@PMOIndia @OfficeOfLGJandK @diprjk @mingasherpa @Amod_India@ddnewsSrinagar pic.twitter.com/k2VTukHG3z— Deputy Commissioner Baramulla (@DCBaramulla) August 13, 2024
राष्ट्र ध्वज में रंगों का महत्व
भारत के राष्ट्रीय ध्वज में केसरिया रंग को साहस का प्रतीक माना जाता है। वहीं, सफेद रंग को शांति और सत्य का प्रतीक मानते हैं। हरी पट्टी भूमि की पवित्रता, उर्वरता और बढ़ोतरी का प्रतीक है। तिरंगे के बीच में जो अशोक चक्र है, उसमें 24 तीलियां होती हैं।
पहला राष्ट्रगान
आजादी के पर्व पर राष्ट्र गान ‘जन गण मन’ गाया जाता है। पहली बार इसे 1911 में गाया गया था। मौका था भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का कलकत्ता (वर्तमान में कोलकाता) अधिवेशन का। राष्ट्रीय गान के रचयिता रवींद्रनाथ टैगोर हैं।
राष्ट्रगान के नियम
जब राष्ट्रगान गाया जाता है तो हमेशा सावधानी की मुद्रा में खड़ा होना होता है। उच्चारण बिल्कुल सही होना चाहिए। इसे 52 सेकेंड की अवधि में पूरा करना होता है।
#WATCH | Delhi: EAM Dr S Jaishankar hoisted the Tricolour at his residence today, as part of ‘Har Ghar Tiranga’ ahead of Independence Day. pic.twitter.com/M8t9ebj2nP
— ANI (@ANI) August 13, 2024
राष्ट्रीय प्रतीक
26 जनवरी 1950 को पहली बार राष्ट्रीय प्रतीक की घोषणा की गई थी। अशोक स्तंभ को इसके तौर पर अपनाया गया था। यह प्रतीक गुजरात के सारनाथ से लिया गया है।
स्वतंत्रता सेनानियों की यादें
आजादी के पर्व के मौके पर स्वतंत्रता सेनानियों को नमन किया जाता है। बापू गांधी, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद और सरदार पटेल जैसी अनगिनत विभूतियों को श्रद्धांजलि दी जाती है।
लाल किले पर परेड
सबसे अधिक आकर्षण का केंद्र लाल किले की परेड होती है। परेड में वायु सेना, नौसेना और थलसेना के अलावा भारत के रक्षा बलों की टुकड़ियां भाग लेती हैं। देश में जितने भी राज्य हैं, सबकी झांकियां निकाली जाती हैं।
राष्ट्रीय अवकाश
देश जब आजादी का पर्व मनाता है तो 15 अगस्त को अवकाश घोषित किया जाता है। सभी सरकारी दफ्तर, स्कूल और निजी संस्थाओं में छुट्टी होती है। लेकिन हर संस्था में ध्वजारोहण जरूर किया जाता है।
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