Love Education in China: चीन के सामने इस समय सबसे बड़ी समस्या देश की घटती जन्मदर है, जिसे लेकर सरकार काफी परेशान है। चीनी सरकार लगातार इसके लिए समाधान निकालने के प्रयास में है। इसी सिलसिले में अब सरकार कॉलेजों और यूनिवर्सिटीज से ‘लव एजुकेशन’ प्रोग्राम शुरू करने का विचार कर रही है। सरकार को उम्मीद है कि इससे विवाह, प्रेम और पारिवारिक जीवन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। आइए इसके बारे में जानते हैं।
घटती जनसंख्या है कारण
यह पहल ऐसे समय में की गई है जब चीन लगातार दूसरे साल जनसंख्या में गिरावट का सामना कर रहा है। इससे सरकारी रिसोर्स और इकोनॉमी पर बुजुर्गों की आबादी के प्रभाव को लेकर चिंताएं बढ़ रही हैं।
बता दें कि लगभग 1.4 बिलियन यानी 140 करोड़ की आबादी के साथ, चीन दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी आबादी का खिताब रखता है, लेकिन यहां बुजुर्गों की संख्या ज्यादा है। ऐसे में सरकार का मानना है कि कॉलेज के छात्र, जो भविष्य में देश की जनसंख्या के विकास में जरूरी भूमिका निभाएंगे। रिश्तों, विवाह और परिवार पर उनके विचारों को बदलने की जरूरत है।
एक न्यूज पेपर की रिपोर्ट में बताया कि कई युवा अब रोमांटिक रिश्तों को आगे बढ़ाने में हिचकिचाते हैं। ऐसे में कॉलेजों और यूनिवर्सिटीज को विवाह और लव एजुकेशन करिकुलम देने की जरूरत है। इस प्रयास का उद्देश्य विवाह और बच्चे पैदा करने के आसपास एक अनुकूल सांस्कृतिक माहौल को बढ़ावा देना है।
रोमांटिक रिश्तों से दूर रहते हैं युवा
कुछ समय पहले ही एक सर्वे किया गया है, जिसमें बताया गया कि लगभग 57% कॉलेज के छात्र रोमांटिक रिश्तों में शामिल नहीं होना चाहते हैं। इसका सबसे बड़ा कारण ये है कि उन्हें एजुकेशनल रिस्पांसिबिलिटी और पर्सनल रिश्तों को एक साथ बैलेंस करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में वे इस तरह के रिश्तों से बचने की कोशिश करते हैं। अब देखना ये है कि क्या सरकार का ये प्रयास स्थिति में कुछ सुधार लाता है या नहीं।
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