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दो साल बाद दिन में हो जाएगा अंधेरा, जानिए क्यों खास है साल 2027 का 2 अगस्त?

साल 2027 के 2 अगस्त को बेहद अहम घटना घटने वाली है। इस दिन 21 सदी का सबसे लंबा सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है। इसके चलते दिन में कुछ समय के लिए अंधेरा हो जाएगा। इस सदी का सबसे खास सूर्यग्रहण माना जा रहा है।

Author Written By: News24 हिंदी Author Published By : Mohit Tiwari Updated: Jul 19, 2025 22:32
Solar Eclipse
Credit-pexels

साल 2027 में एक ऐसी खगोलीय घटना होने वाली है, जो न केवल खगोल प्रेमियों बल्कि आम लोगों के लिए भी एक बेहद खास अनुभव होगी। साल 2027 में 2 अगस्त को लगने वाला पूर्ण सूर्य ग्रहण 21वीं सदी के सबसे लंबे और महत्वपूर्ण ग्रहणों में से एक होगा। इस दिन लगभग 6 मिनट तक पृथ्वी के कुछ हिस्सों में दिन में अंधेरा छा जाएगा। इसे ‘ग्रेट नॉर्थ अफ्रीकन एक्लिप्स’ के नाम से जाना जाता है। यह सदी का सबसे खास सूर्य ग्रहण माना जा रहा है।

कब और कहां दिखेगा ये सूर्य ग्रहण?

यह दुर्लभ खगोलीय घटना 2 अगस्त 2027, सोमवार को होगी। इस ग्रहण की अवधि लगभग 6 मिनट होगी, जो इसे 21वीं सदी के सबसे लंबे सूर्य ग्रहणों में से एक बनाएगी। यह ग्रहण उत्तरी अफ्रीका, मध्य पूर्व, यूरोप और एशिया के कुछ हिस्सों में दिखाई देगा। यह मोरक्को, अल्जीरिया, ट्यूनीशिया, मिस्र, सऊदी अरब, यमन, सूडान, सोमालिया, स्पेन और ओमान जैसे 10 देशों में पूर्ण रूप से दिखेगा। कनाडा के न्यूफाउंडलैंड में यह आंशिक रूप से दिखाई दे सकता है।

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विज्ञान के अनुसार जब चंद्रमा पृथ्वी और सूर्य के बीच आकर सूर्य को पूरी तरह ढक लेता है तब पूर्ण सूर्य ग्रहण होता है। इस दौरान पृथ्वी पर एक नैरो एरिया में क्षेत्र में सूर्य पूरी तरह से अदृश्य हो जाता है। इसे ‘पूर्णता का पथ’ कहा जाता है। साल 2027 के इस ग्रहण का यह पथ लगभग 258 किलोमीटर चौड़ा होगा और यह अफ्रीका, एशिया और यूरोप से होकर गुजरेगा।

भारत में कब दिखेगा यह ग्रहण

भारत में यह ग्रहण आंशिक सूर्य ग्रहण के रूप में दिखाई देगा। भारतीय मानक समय (IST) के अनुसार, यह ग्रहण दोपहर 3:34 बजे शुरू होगा और शाम 5:53 बजे समाप्त होगा। हालांकि, भारत में पूर्ण सूर्य ग्रहण नहीं दिखेगा।

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क्यों खास है 2027 का सूर्य ग्रहण?

6 मिनट की अवधि के साथ यह सूर्य ग्रहण 21वीं सदी के सबसे लंबे ग्रहणों में से एक है। अगले 100 सालों तक, यानी 2114 तक इतनी लंबी अवधि का पूर्ण सूर्य ग्रहण देखने को नहीं मिलेगा।

इस ग्रहण के पथ से लगभग 8.9 करोड़ लोग प्रभावित होंगे, जो 2024 के उत्तरी अमेरिका के सूर्य ग्रहण की तुलना में दोगुना है। पूर्ण सूर्य ग्रहण एक दुर्लभ खगोलीय घटना है, जो केवल ‘पूर्णता के पथ’ में रहने वाले लोगों को ही दिखाई देती है। इस बार का ग्रहण अपनी लंबी अवधि और व्यापक दृश्यता के कारण खास है। यह ग्रहण खगोल विज्ञान प्रेमियों और पर्यटकों के लिए एक ऐतिहासिक अनुभव होगा। इसे देखने के लिए दुनियाभर से लोग प्रभावित क्षेत्रों में यात्रा करेंगे।

बरतनी होंगे ये सावधानियां

सूर्य ग्रहण को देखते समय आंखों की सुरक्षा बहुत जरूरी है। सूर्य को नंगी आंखों से देखने से आंखों को गंभीर नुकसान हो सकता है। विशेष सूर्य ग्रहण चश्मे या सुरक्षित उपकरणों का उपयोग करें।

First published on: Jul 19, 2025 10:23 PM

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