Noida Wall Collapse: नोएडा प्राधिकरण और गौतमबुद्धनगर जिला प्रशासन ने मंगलवार देर शाम को कहा कि नोएडा के सेक्टर-21 के जलवायु विहार में दीवार गिरने से हुईं चार मौतों के मामले की जांच के लिए एक समिति का गठन किया जाएगा। इस जांच समिति की अध्यक्षता नोएडा प्राधिकरण के सहायक मुख्य कार्यकारी अधिकारी मानवेंद्र सिंह कर सकते हैं। समिति 15 दिन में जांच करके अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। साथ ही अधिकारियों ने कहा कि हादसे में मारे गए लोगों के परिवार को नोएडा प्राधिकरण की ओर से ₹5 लाख का मुआवजा भी दिया जाएगा।
92.18 लाख में दिया गया था नाला मरम्मत का ठेका
बता दें कि नोएडा प्राधिकरण की ओर से ठेकेदारों द्वारा नाली की मरम्मत का काम कराया जा रहा था। इसी दौरान चारदीवारी गिर गई थी। घटना के तुरंत बाद प्राधिकरण के अधिकारियों ने अपना पल्ला झाड़ लिया था। अधिकारियों ने हादसे का कारण दीवार का काफी पुराना होना माना है। प्राधिकरण के अधिकारियों ने कहा है कि आरडब्ल्यूए के अनुरोध पर नाली की मरम्मत के लिए ₹ 92.18 लाख का ठेका दिया था, लेकिन इसके पास की दीवार का निर्माण 25-30 साल पहले जलवायु विहार सहकारी आवास समिति (जेवीएसएएस) की ओर से कराया गया था।
दीवार कमजोर थी, प्राधिकरण ने नहीं बनाई थीः CEO
नोएडा प्राधिकरण की मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) ऋतु माहेश्वरी ने कहा कि यह एक निजी सोसायटी की दीवार है। इसका निर्माण नोएडा प्राधिकरण द्वारा नहीं कराया गया था। फिर भी हम मामले की प्रारंभिक जांच कर रहे हैं। आवश्यक हुआ तो कार्रवाई भी की जाएगी। राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की टीम को बचाव कार्य के लिए बुलाया गया था। मलबे में फंसे लोगों को बाहर निकाला गया। अधिकारियों ने कहा कि प्राधिकरण की थर्ड पार्टी एजेंसी फोर्ट्रेस इंफ्राकॉन लिमिटेड और तकनीकी ऑडिट सेल ने दीवार गिरने के बाद घटनास्थल का निरीक्षण किया।
सभी पक्षों से की जा रही है बात, पैनत करेगा जांचः DM
गौतमबुद्धनगर के जिला जिलाधिकारी सुहास एलवाई ने बताया, हम जानते हैं कि दीवार का निर्माण और रखरखाव सोसायटी द्वारा किया गया था। नाले की मरम्मत का काम नोएडा प्राधिकरण की ओर से एक निजी ठेकेदार को आवंटित किया गया था। हम सभी संबंधित अधिकारियों से बात कर रहे हैं और जांच करा रहे हैं। वहीं मामले की विस्तृत जांच के लिए एक पैनल का भी गठन किया जाएगा। वहीं प्राधिकरण की ओर से कहा गया है कि दीवार काफी कमजोर थी। दीवार की नींव भी गहरी नहीं थीं। इसके साथ दीवार काफी पुरानी भी थी, जिसके कारण वह ढह गई।
किसी भी दीवार की नींव कमजोर करोगे तो गिरेगीः RWA
सोसायटी में रहने वाले लोगों ने अपनी ओर से कहा कि दीवार के बगल में सीवेज नाली का निर्माण तीन साल पहले नोएडा प्राधिकरण की ओर से कराया गया था। तब से यहां कचरा ही भरा हुआ है। आरडब्ल्यूए ने इस साल मानसून से पहले नाले को साफ करने के लिए कहा था। लोगों ने कहा कि नाले पर काम पिछले सप्ताह शुरू हुआ और आरडब्ल्यूए को इसकी जानकारी नहीं थी। जेवीएसएएस के अध्यक्ष प्रदीप कुमार ने बताया कि शनिवार को गार्डों ने मुझे सूचित किया कि ठेकेदार नाला खोद रहा है। साइट से ईंटों से भरे ट्रैक्टरों को ले जा रहा है। किसी भी चारदीवारी की नींव तीन या चार फीट से ज्यादा नहीं होती। यदि आप तीन फीट खुदाई करते हैं और ईंटों को हटाते हैं, तो दीवार कैसे टिकेगी। उन्होंने कहा कि मैं इंजीनियर नहीं हूं, लेकिन मुझे इतना पता है कि किसी भी दीवार की नींव को कमजोर करेंगे तो वह रुकेगी नहीं।
लेबर सप्लाई करने वाला गिरफ्तार
जानकारी के मुताबिक नोएडा प्राधिकरण ने मेसर्स एमडी प्रोजेक्ट्स एंड कंस्ट्रक्शन को इस काम का ठेका दिया था।ठेकेदार ने शनिवार को काम शुरू किया। इस कंपनी के मालिक अर्जुन यादव ने मामले में कोई भी टिप्पणी नहीं दी है। वहीं गौतमबुद्ध नगर पुलिस ने मजदूर दिलाने वाले गुल मोहम्मद को लापरवाही और नाबालिगों को काम पर रखने के आरोप में गिरफ्तार किया है।