Lucknow News: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के आतंकवाद निरोधी दस्ते (ATS) ने मेरठ और वाराणसी से पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (Popular Front of India) के छह पदाधिकारी और सक्रिय सदस्यों को गिरफ्तार किया। देशभर में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की ओर से चलाए जा रहे अभियान के तहत ही उत्तर प्रदेश में यह आतंकवाद विरोधी छापेमारी हुई है।
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मेरठ और गाजियाबाद में हुई कार्रवाई
यूपी एटीएस अधिकारी की ओर से कहा गया है कि मेरठ से गिरफ्तार लोगों की पहचान मोहम्मद सहदाब अजीज कासमी, मौलाना साजिद निवासी शामली, गाजियाबाद के रहने वाले मुफ्ती सहजाद और मुजफ्फरनगर के रहने वाले मोहम्मद इस्लाम कासमी के रूप में हुई है। उन्होंने कहा कि वाराणसी से गिरफ्तार किए गए लोगों की पहचान जैतपुरा निवासी रिजवान अहमद और आलमपुरा इलाका निवासी मोहम्मद शाहिद के रूप में हुई है।
राष्ट्र विरोधी एजेंडे पर काम कर रहे थे
एटीएस के अतिरिक्त महानिदेशक (एडीजी) नवीन अरोड़ा ने कहा कि गिरफ्तार किए गए लोगों पर 2047 तक भारत को एक इस्लामिक राष्ट्र बनाने के इरादे से पीएफआई और अन्य चरमपंथी मुस्लिम संगठनों के राष्ट्र विरोधी एजेंडे पर काम करने का आरोप है। उन्होंने कहा कि वे देश विरोधी भावनाएं फैलाने में शामिल थे। राष्ट्रीय एजेंडे, सरकारी योजनाओं और फैसलों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़काने का भी आरोप है।
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13 धाराओं में दर्ज किया मुकदमा
उन्होंने कहा कि भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 121-ए (देश के खिलाफ युद्ध छेड़ना), 153-ए (धर्म और नस्ल के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना), 295-ए (जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कृत्य, इरादा) के तहत आरोप किसी भी वर्ग के धर्म या धार्मिक विश्वासों का अपमान करके उसकी धार्मिक भावनाओं को आहत करने के लिए), उनके खिलाफ 505 (2) (सार्वजनिक शरारत के लिए बयान देना) और 120-बी (आपराधिक साजिश) लगाया गया है। इसके अलावा, उनके खिलाफ गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) की धारा 13 भी लगाई गई थी।
इससे पहले कुछ खास मामलों से जुड़ी एनआईए की छापेमारी में लखनऊ के इंदिरा नगर इलाके से वसीम अहमद नाम के एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया था, जबकि बाराबंकी और लखनऊ से भी तीन अन्य लोगों को गिरफ्तार किया गया।
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