UP News: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को उत्तर प्रदेश सरकार से समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता मोहम्मद अब्दुल्ला आजम खान के मामले में हलफनामा दायर करने का आदेश दिया है। सपा के वरिष्ठ नेता आजम खान के बेटे अब्दुल्ला ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ शीर्ष अदालत का रुख किया था।
सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने दिए ये निर्देश
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक जस्टिस अजय रस्तोगी और बेला एम त्रिवेदी की पीठ ने उत्तर प्रदेश सरकार से सपा नेता के मामले पर जवाब दाखिल करने को कहा है। हालांकि, कोर्ट ने स्वार विधानसभा क्षेत्र में होने वाले चुनाव पर रोक लगाने का कोई आदेश पारित नहीं किया है, लेकिन कोर्ट ने स्पष्ट किया कि स्वार विधानसभा के चुनाव परिणाम इस याचिका के फैसले के अधीन होंगे।
अब्दुल्ला की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने यह भी पूछा है कि क्या वह सजायाफ्ता व्यक्ति की नैतिकता का परीक्षण कर सकती है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट सपा नेता और आजम खान के बेटे अब्दुल्ला की उस याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी गई थी। इसमें एक मामले में उनकी दोषसिद्धि पर रोक लगाने की उनकी याचिका को खारिज कर दिया गया था।
दोषसिद्धि के बाद गई थी विधायकी
हाल ही में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 2008 के एक विरोध मामले में अब्दुल्ला की दोषसिद्धि पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था, जिसके कारण उन्हें उत्तर प्रदेश विधानसभा से विधायक के रूप में अयोग्य ठहराया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट से अनुरोध किया था कि विरोध से संबंधित मामले में अब्दुल्ला की दोषसिद्धि पर रोक लगाने की याचिका पर जल्द से जल्द फैसला किया जाए।
अब्दुल्ला ने किया ये दावा
मोहम्मद अब्दुल्ला आजम खान ने दावा किया है कि वह घटना की तारीख तक एक किशोर थे, उन्होंने इलाहाबाद हाईकोर्ट के 17 मार्च के आदेश को चुनौती दी है। अब्दुल्ला को 15 साल पुराने एक मामले में दोषी ठहराए जाने और दो साल की कैद की सजा सुनाए जाने के बाद यूपी विधानसभा से अयोग्य घोषित किया गया था। अब्दुल्ला रामपुर की स्वार विधानसभा से विधायक थे।