UP News: जौनपुर से नीतेश कुमार की रिपोर्टः उत्तर प्रदेश के जौनपुर में रहने वाला पेंटर का बेटे और उसका परिवार अपनी बेबसी पर रो रहा है। जौनपुर के इस बेटे का थाईलैंड में होने वाली इंटरनेशनल चैंपियनशिप के लिए चयन हुआ है। बेटे की इस कामयाबी से परिवार की खुशियां सातवें आसमान पर थी, लेकिन कुछ ही समय में वे काफूर हो गईं, क्योंकि परिवार के पास बेटे को थाईलैंड भेजने के लिए पैसे नहीं हैं।
नूर मोहम्मद ने जीते हैं कई मेडल
इस पर पीड़ित पिता ने जिलाधिकारी से लेकर जनप्रतिनिधियों तक से मदद की गुहार लगाई, लेकिन हर जगह से सिर्फ आश्वासन ही मिला। जौनपुर का नाम रोशन करने वाले लड़के का नाम नूर मोहम्मद है। महज 13 साल की उम्र में नूर मोहम्मद ने देश के अलग-अलग प्रदेशों में आयोजित ताइक्वांडो प्रतियोगिताओं में गोल्ड, सिल्वर और ब्रांज मेडल जीते हैं। इस बार नूर मोहम्मद का चयन 6th International Championship थाइलैंड के लिए हुआ है, लेकिन पैसों के अभाव में नूर मोहम्मद का थाइलैंड जाना संभव नहीं है।
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रंगाई-पुताई करके परिवार का पेट पालता है पिता
नूर मोहम्मद के पिता आसिफ पेशे से पेंटर है। लोगों के घरों को रंगाई-पुताई करके अपने परिवार का पेट पालते हैं। बेटे को खिलाड़ी बनाने के लिए पिता आसिफ कड़ी मेहनत कर रहे हैं, लेकिन थाइलैंड जाने के लिए एक लाख रुपए की जरूरत को पूरा कर पाना आसिफ के लिए चुनौती है।
पीड़ित का आरोप, डीएम ने फेंक दिया प्रार्थनापत्र
आसिफ ने बताया कि बेटे को चैंपियनशिप में भेजने की मदद के लिए वे डीएम जौनपुर के पास गए, लेकिन डीएम साहब ने उनके प्रार्थनापत्र को अनदेखा कर दिया। इसके बाद वे खेल मंत्री गिरीश यादव के पास गए, तो उन्होंने कोई बजट नहीं होने की बात बोलकर वापस भेज दिया। सपा-सुभासपा गठबंधन के विधायक जगदीश नारायण राय के पास गए, तो महज आश्वासन मिला। ऐसे में अब बसपा के सांसद श्याम सिंह यादव ही मदद की आखिरी उम्मीद बचे हैं।
आसिफ ने बताया कि आखिरी उम्मीद के साथ नूर मोहम्मद और उसके पिता आसिफ सांसद श्याम सिंह यादव के पास पहुंचे हैं। वहीं सांसद ने समस्याओं को सुनते हुए हर संभव मदद और नूर मोहम्मद को थाइलैंड भेजने के लिए पूरा भरोसा दिलाया है।