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यूपी में 10 में से 5 सीटों पर सपा की जीत तय! नतीजे तय करेंगे सीएम योगी का इकबाल अब कितना बुलंद

UP Assembly By Election 2024: सपा के साथ गठबंधन में शामिल कांग्रेस भी 2-3 सीटें मांग रही हैं। वजह है लोकसभा चुनाव में 6 सीटों पर जीत। ऐसे में अब देखना यह है कांग्रेस की इस डिमांड को अखिलेश कैसे पूरा कर पाते हैं?

Edited By : Rakesh Choudhary | Updated: Jul 8, 2024 10:47
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UP Assembly By Election 2024:
सीएम योगी की अग्निपरीक्षा

UP Assembly By Election 2024: यूपी में लोकसभा चुनाव में करारी हार झेलने के बाद बीजेपी अब थोड़ी संभली-संभली नजर आ रही है। वो पुरानी कहावत है दूध का जला छाछ को भी फूंक-फूंक कर पीता है। बीजेपी यूपी में लोकसभा चुनाव क्या हारी? आलाकमान अब कोई कसर इस चुनाव में नहीं रखना चाहता। इसलिए अभी से योगी कैबिनेट के 15 मंत्रियों को अलग-अलग जिम्मेदारी सौंपी गई है। चुनावी मोड में रहने वाली बीजेपी अब अचानक उपचुनाव को लेकर इतनी आक्रामक क्यों हो गई है? आइये जानते हैं सभी 10 सीटों के समीकरण और बीजेपी की रणनीति।

सीएम योगी ने उपचुनाव की कमान अब अपने हाथ में ले ली है। प्रत्याशियों के चयन से लेकर चुनाव को लेकर बनने वाली रणनीति में भी सीएम योगी काफी सक्रिय नजर आ रहे हैं। बता दें कि प्रदेश में करहल, मिल्कीपुर, कुंदरकी, खैर मीरापुर, फूलपुर, सीसामऊ, मझवा, गाजियाबाद सीटों पर उपचुनाव होगा।

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करहल- इस सीट से अखिलेश यादव स्वयं विधायक थे, अब वे कन्नौज से सांसद भी चुने गए हैं। इस सीट पर सपा की जीत तय मानी जा रही है। अखिलेश यादव अपने भतीजे तेजप्रताप यादव को लड़ाने की तैयारी में हैं।

मिल्कीपुर- अयोध्या की इस सीट से अवधेश प्रसाद विधायक थे। अवधेश प्रसाद 9 बार विधायक रहे हैं। अवधेश प्रसाद की जीत का जवाब बीजेपी यह सीट जीतकर देना चाहेगी। इस सीट पर सपा की जीत तय मानी जा रही है। सपा यहां से उनके बेटे अजीत प्रसाद को टिकट दे सकती है।

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सीसामऊ- कानपुर की यह सीट सपा विधायक इरफान अंसारी की सजा के बाद से खाली हुई है। इस सीट पर भी सपा की जीत तय मानी जा रही है। यहां से पार्टी अंसारी परिवार के किसी सदस्य को टिकट दे सकती है।

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कुंदरकी- कुंदरकी सीट भौगोलिक तौर पर मुरादाबाद जिले में आती है। मुस्लिम बहुल होने से सपा का इस सीट पर काफी प्रभाव है। इस सीट पर भी भाजपा का जीतना मुश्किल है।

कटहरी- यह सीट अंबेडकर नगर जिले में आती है। लालजी वर्मा से यहां से सपा के विधायक थे लेकिन इस बार वे अंबेडकर नगर से सपा के सांसद चुने गए हैं। लालजी वर्मा यहां से अपनी बेटी छाया वर्मा को चुनाव लड़वाना चाह रहे हैं। ये सीट भी बीजेपी के लिए मुश्किल सीटों में से एक है।

फूलपुर- इस सीट पर भाजपा का कब्जा है। भाजपा ने यहां के विधायक रहे प्रवीण पटेल को फूलपुर लोकसभा सीट से प्रत्याशी बनाया था। ऐसे में वे ये सीट तो जीत गए लेकिन स्वयं अपनी विधानसभा में हार गए। हालांकि यहां से बीजेपी की जीत तय मानी जा रही है।

मीरापुर- इस सीट पर रालोद के चंदन चैहान ने जीत दर्ज की थी। लेकिन लोकसभा चुनाव में रालोद ने उन्हें बिजनौर से चुनाव लड़वाया और जीत दर्ज की। ऐसे में मुस्लिम बाहुल्य इस सीट को जीतना अब बीजेपी के लिए बड़ा चुनौतीपूर्ण होगा।

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बता दें कि इन 10 में से 5 सीटों पर सपा का, 3 सीटों पर बीजेपी का कब्जा है। इनमें गाजियाबाद शहर, खैर और फूलपुर है। वहीं मझवा निषाद पार्टी और मीरापुर सीट पर जयंत का कब्जा है।

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Edited By

Rakesh Choudhary

First published on: Jul 08, 2024 10:47 AM

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