UP MLC Bypolls: उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ भाजपा ने सोमवार को उपचुनाव में दोनों एमएलसी सीटें जीत लिया। सपा को हरारी हार मिली है। बीजेपी ने उपचुनाव में मानवेंद्र सिंह और पद्मसेन चौधरी को अपना उम्मीदवार बनाया था। पद्मसेन चौधरी को 279 वो मिले, जबकि सपा नेता रामकरण को 116 वोट हासिल हुए। दूसरी सीट पर बीजेपी के मानवेंद्र सिंह को 280 और सपा के रामजतन को 116 वोट मिले।
यह दोनों सीटें लक्ष्मण आचार्य के इस्तीफे और बनवारी लाल दोहरे के निधन के बाद खाली हुई थीं। सिक्किम के राज्यपाल बनाए गए आचार्य का कार्यकाल जनवरी 2027 तक चलना था, लेकिन उन्होंने इस्तीफा दे दिया था। जबकि दोहरे का कार्यकाल जुलाई 2028 में समाप्त होना था।
Two BJP candidates win MLC bypolls in Uttar Pradesh, defeating Samajwadi Party rivals
— Press Trust of India (@PTI_News) May 29, 2023
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राजभर और राजा भैया की पार्टी ने बीजेपी को किया वोट
एमएलसी उपचुनाव में ओमप्रकाश राजभर और राजा भैया की पार्टी के विधायकों ने भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवारों को वोट दिया। वहीं, कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी इन उपचुनावों से दूर रहीं।
उपचुनाव में 396 विधायकों ने डाला वोट
विधान परिषद की दो रिक्त सीटों के लिए हुए उपचुनाव में सोमवार को सुबह 9 बजे से शाम चार बजे तक 396 विधायकों ने मतदान किया। सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस के दो समेत सात विधायकों ने उपचुनाव में वोट नहीं डाला। इनमें जेल में बंद तीन विधायक सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी से अब्बास अंसारी, सपा से इरफान सोलंकी और रमाकांत यादव शामिल हैं। इसके अलावा कांग्रेस के दो विधायक, बसपा का एक और सपा के एक विधायक (मनोज पारस) ने वोट नहीं डाला।
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यूपी कांग्रेस के प्रमुख बृजलाल खबरी ने बताया कि पार्टी द्वारा एमएलसी उपचुनाव में किसी भी उम्मीदवार को वोट नहीं देने का फैसला लिया गया था और इसलिए दोनों विधायकों ने वोट नहीं डाला। कांग्रेस के दो विधायक आराधना मिश्रा और वीरेंद्र चौधरी हैं। वोट नहीं डालने वाले एकमात्र बसपा विधायक उमा शंकर सिंह ने कहा कि मैं उपचुनाव में वोट डालने के लिए मतदान केंद्र नहीं पहुंच सका। विधान सभा में अपनी ताकत के आधार पर भाजपा आराम से अपने दोनों उम्मीदवारों के लिए जीत हासिल करने की स्थिति में है।
ऐसा है विधानमंडल का दृश्य
उपचुनाव के लिए अधिसूचना 11 मई को जारी की गई थी। 403 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा के 255 विधायक हैं, जबकि सहयोगी अपना दल (सोनेलाल) के 13 और निषाद पार्टी के छह विधायक हैं। समाजवादी पार्टी के 109 विधायक हैं और उसकी सहयोगी राष्ट्रीय लोकदल के नौ विधायक हैं। सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के छह विधायक हैं, कांग्रेस और जनसत्ता दल (लोकतांत्रिक) के दो-दो और बहुजन समाज पार्टी के एक विधायक हैं।
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