पाकिस्तान की खुफिया एजेंसियों के लिए जासूसी के आरोप में शहजाद को गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद उसका एक कबूलमाना भी सामने आया है। बता दें कि रामपुर से गिरफ्तार शहजाद ने अपने संपर्क वाले कई एजेंटो की जानकारी एटीएस को दी है। उसने कहा है कि यूपी में कई जगह आतंकी हमले की साजिश की जा रही थी और जल्द ही इसका अंजाम दिया जाना था। एक और खुलासा हुआ है कि ये एजेंट पाक खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए जासूसी कर रहे हैं और देश के अलग-अलग हिस्सों में फैले हुए हैं।
आरोपी शहजाद से कई सारे सवाल किए गए
एटीएस के मुताबिक, अधिकारियों ने शहजाद से सीमा पार से तस्करी और वहां से जाने के बारे में पूछताछ की जा रही है। एटीएस ने जब उसे गिरफ्तार किया, तो उसने कबूला था कि वह आईएसआई के संपर्क में था। कोर्ट ने 31 मई तक उसकी न्यायिक रिमांड दी थी। एटीएस सूत्रों के मुताबिक पता चला है कि शहजाद से कई सवाल पूछे जा रहे थे, लेकिन वह उन सवालों का जवाब देने से इनकार करता रहा। व्हाट्सएप के जरिए से पाक खुफिया एजेंसी के संपर्क में था। उसने अपने परिवार के बारे में बताया। वह पाक खुफिया एजेंसी के कहने पर ही कॉस्मेटिक और आर्टीफिशयल ज्वैलरी की तस्करी करने लगा था।
कई परिचितों को भी अपना एजेंट बनवाया
बता दें कि आरोपी शहजाद ने यह कह कर एटीएस को बताया कि उसने अपने साथ कई परिचितों को जोड़ा था। उन्हें मोटी रकम देने की बात कहकर अपने जाल में फंसाता था। ये लोग खुफिया जानकारी जुटाने में मदद करते थे। इन लोगों ने अपने क्षेत्र के छावनी इलाकों में कई दुकानदारों व चाय होटल वालों से संपर्क बनाने की कोशिश कर रहे थे। एटीएस पड़ताल करेगी की ये लोग कौन हैं जो इनके संपर्क में थे।
एटीएस ने क्या बताया?
एटीएस के मुताबिक, आरोपी शहजाद से मिलने वाली रकम के बारे में कई सारे सवाल पूछे गए। उसने रकम मिलने की बात स्वीकारी पर यह नहीं बताया कि कब-कब और कितनी रकम मिली। उसने बताया कि छोटी रकम पाक एजेंसियों के अन्य एजेटों के जरिए खाते में आई। कई बार उसे नकद रुपये भी मिले। यह रकम उसने देश में फैले अन्य जासूसों तक पहुंचाई। एटीएस सूत्रों के मुताबिक, एक टीम शहजाद को लेकर दिल्ली, रामपुर समेत कई जिलों में जाएगी।
हनीट्रैप के शिकार में आरोपी शहजाद तो नहीं
एटीएस यह भी पता लगा रही है कि कुछ समय पहले हनीट्रैप का शिकार होकर देश की खुफिया जानकारी लीक करने में पकड़े लोगों से शहजाद के संपर्क तो नहीं थे। इन गिरफ्तार लोगों में फिरोजाबाद आर्डिनेंस फैक्ट्री का कर्मचारी रवीन्द्र कुमार व कानपुर आर्डिनेंस फैक्ट्री का कर्मचारी विकास कुमार शामिल था। आईएसआई एजेंट ने अपना नाम नेहा शर्मा बताकर इनसे दोस्ती की थी।