उत्तर प्रदेश की संभल जामा मस्जिद का भारतीय पुरातत्व विभाग (ASI) सर्वे फिर से होगा या नहीं, इस पर आज दोपहर 2 बजे इलाहाबाद हाई कोर्ट का फसला आएगा। गत 13 मई दिन मंगलवार को सर्वे के खिलाफ दायर की गई मस्जिद कमेटी की सिविल रिवीजन याचिका पर बहस पूरी हुई थी और हाई कोर्ट ने फैसला रिजर्व रख लिया था, जो आज सुनाया जाएगा।
जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल की सिंगल बेंच फैसला सुनाएगी। बता दें कि संभल की लोअर कोर्ट यानी दीवानी अदालत ने मस्जिद का सर्वे करने का आदेश दिया था। इस आदेश के खिलाफ मस्जिद की इंतजामिया कमेटी ने सिविल रिवीजन याचिका हाई कोर्ट में दायर की थी, जिस पर बहस पूरी हो चुकी है और आज अहम फैसला आने की उम्मीद है।
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क्या है संभल जामा मस्जिद विवाद?
जामा मस्जिद को हिंदुओं ने हरिहर मंदिर बताया, जिसे बाबर ने 1529 में तुड़वाया और मस्जिद बना दी। 19 नवंबर 2024 को यह दावा करते हुए संभल कोर्ट में हिंदुओं ने याचिका दाखिल की। सिविल जज सीनियर डिवीजन आदित्य सिंह ने 19 नवंबर को ही मस्जिद के सर्वे का आदेश दे दिया। रमेश सिंह राघव को सर्वे से संबंधित एडवोकेट कमिश्नर नियुक्त कर दिया। 19 नवंबर की शाम 4 बजे ही सर्वे करने ASI टीम मस्जिद पहुंची और करीब 2 घंटे सर्वे चला। 24 नवंबर को टीम फिर सर्वे करने पहुंची, लेकिन मुस्लिम भड़क गए और पुलिस पर पथराव कर दिया। हिंसा में 4 लोगों की मौत हो गई।
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45 पेजों की सर्वे रिपोर्ट में क्या-क्या था?
हिंसा के बावजूद हुए सर्वे की रिपोर्ट 2 जनवरी 2025 को चंदौसी कोर्ट में सबमिट की गई। 45 पेजों की रिपोर्ट 4.5 घंटे की वीडियोग्राफी और 1200 से ज्यादा फोटो थे। रिपोर्ट में दावा किया गया कि जामा मस्जिद के अंदर मंदिर होने के सबूत मिले हैं। सर्वे में 50 से ज्यादा फूल, निशान, कलाकृतियां, 2 वट वृक्ष, एक कुंआ मिला है। कुंआ आधा मस्जिद के अंदर और आधा बाहर है। पुराने ढांचे पर नया निर्माण किया गया है। मंदिर के दरवाजे, खिड़कियों और दीवारों पर प्लास्टर लगाकर पेंट किया गया है।
25 फरवरी 2025 को जामा मस्जिद की रंगाई-पुताई के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी। सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट में 3 सदस्यीय कमेटी बनाई, जिसने 28 फरवरी को जामा मस्जिद पहुंचकर सर्वे करके रिपोर्ट हाई कोर्ट को सौंपी। 4 मार्च की सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने मस्जिद को विवादित ढांचा लिखने का आदेश दिया। 12 मार्च को जामा मस्जिद की रंगाई-पुताई का आदेश दिया गया। 16 मार्च को रंगाई-पुताई शुरू हुई और फिर 29 मार्च को ईद सेलिब्रेट की गई।
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28 अप्रैल को हाईकोर्ट ने ASI को 48 घंटे में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया। जवाब सबमिट होने के बाद बहस हुई, जो 13 मई को पूरी हुई। इस तरह जामा मस्जिद के सर्वे वाला विवाद हाई कोर्ट पहुंचा है, जिस पर आज फैसला सुनाया जाना है।