Ram Mandir Ram Lala Pran Pratishtha Invitation: देशभर में राम मंदिर अयोध्या और रामलला के काफी अनूठे भक्त देखने को मिल जाएंगे, लेकिन मध्य प्रदेश के बैतूल जिले में भगवान श्रीराम के ऐसे भक्त मिले हैं, जिन्हें स्पेशली 22 जनवरी को होने वाले प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने के लिए बुलाया गया है। इनका नाम भोजपाली है, जिन्होंने 21 साल की उम्र में राम मंदिर के लिए अनूठा संकल्प लिया था, जो अब 31 साल बाद पूरा हुआ। अब वे रामलला की प्राण प्रतिष्ठा देखने की तैयारियों में जुटे हैं। वे कई दिन पहले अयोध्या पहुंच जाएंगे और राम मंदिर में होने वाले समारोह की तैयारियों में योगदान देंगे। वहीं उन्होंने निमंत्रण के लिए आभार भी जताया है।
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भोजपाली बाबा ने क्या संकल्प लिया था?
52 वर्षीय भोजपाली बाबा बैतूल के मिलानपुर गांव के भैरवनाथ मंदिर के पुजारी हैं। उनका असली नाम रविंद्र गुप्ता है। 14 साल की उम्र में वे RSS से जुड़ गए थे। 1992 में वे 21 साल के थे। उस दौरान वे कारसेवा के लिए अयोध्या पहुंचे थे। वहां उन्होंने संकल्प लिया था कि जब तक राम मंदिर नहीं बन जाएगा, वे शादी नहीं करेंगे। आज 31 साल बाद जब राम मंदिर बन गया है तो उनका संकल्प भी पूरा होने जा रहा है। इससे वे बहुत खुश हैं। उनकी खुशी तब दोगुनी हो गई, जब राम मंदिर ट्रस्ट की ओर से उन्हें रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह का निमंत्रण पत्र मिला। हालांकि आज भोजपाली बाबा ब्रह्मचारी बन गए हैं, लेकिन वे खुश हैं कि उनका सपना पूरा होने जा रहा है।
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पेशे से वकील, हाईकोर्ट में दे चुके सेवाएं
भोजपाली बाबा कहते हैं कि वे उन सनातनियों में से हैं, जिन्होंने राम मंदिर को अपना जीवन समर्पित कर दिया। राम मंदिर के लिए सब कुछ छोड़ दिया। उन्होंने घर छोड़ा तो मां रो-रोकर बेहाल हो गई, लेकिन राम मंदिर के प्रति उनकी अटूट आस्था नहीं टूटी। वे राम मंदिर निर्माण आंदोलन में शामिल होने के लिए अयोध्या आ गए। आज वे बैरागी हैं और एक मंदिर के पुजारी हैं। भोजपाली बाबा ने दर्शन शास्त्र से पोस्ट ग्रेजुएशन की है। वे वकालत भी कर चुके हैं। 1999 में जब पिता बीमार हुए तो वह कुछ समय भोपाल में रहे। 2004 तक हाईकोर्ट में वकालत भी की, लेकिन पिता का देहांत होने के बाद वे वापस घर नहीं लौटे, बल्कि उन्होंने RSS के साथ जुड़कर सेवाएं दी।
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