News: उत्तर प्रदेश के लाला लाजपत राय मेमोरियल (एलएलआरएम) मेडिकल कॉलेज (मेरठ) में पहली बार प्रोफेसरों ने हिंदी और अंग्रेजी यानी 'हिंग्लिश' में एमबीबीएस छात्रों के नए बैच की क्लास को लेक्चर देना शुरू कर दिया है। बता दें कि मध्यप्रदेश में सरकार की ओर से एमबीबीएस की पढ़ाई हिंदी में कराने के लिए पहल की गई है। इसके बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने भी इस दिशा में काम करना शुरू किया था।
एलएलआरएम में एंडोक्रिनोलॉजी विभाग के प्रमुख प्रोफेसर पंकज अग्रवाल ने बताया कि चूंकि नई शिक्षा नीति मूल भाषा में शिक्षा पर जोर देने वाली है, इसलिए हमने हिंदी में एमबीबीएस कोर्स के विभिन्न विषयों के लिए पढ़ाई की सामग्री तैयार की है। हिंदी में मेडिकल की पढ़ाई के लिए किताबों को भी संकलित किया जा रहा है।
मेडिकल कॉलेज के कुछ प्रोफेसरों ने कहा कि मेडिकल के कुछ शब्दों को हिंदी में अनुवाद करना कठिन है, इसलिए अभी दोनों माध्यमों से पढ़ाई कराई जा रही है। उदाहरण के लिए बताया गया है कि थायरॉयड ग्रंथि को हिंदी में यही लिखा गया है, क्योंकि यह अनुवादित नहीं। उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास चिकित्सा विज्ञान पढ़ाना और चिकित्सा विज्ञान के सभी विषयों की समानांतर विकसित करना है। ताकि हिंदी माध्यम के छात्र इसे अच्छी तरह से समझ सकें और अंग्रेजी वाले सहपाठियों से पीछे न रहें।
ओरिएंटेशन में हिंग्लिश का इस्तेमाल
मेडिकल कॉलेज में यूरोलॉजी के प्रोफेसर सुधीर राठी ने बताया कि हम अंग्रेजी में लेक्चर देते थे। अब एमबीबीएस के नए बैच के छात्रों के ओरिएंटेशन में 'हिंग्लिश' का इस्तेमाल किया जा रहा है। विषयों को हिंदी में समझाया जाएगा। चिकित्सा शब्दावली अंग्रेजी में ही रहेगी।
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