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हल्द्वानी में क्यों भड़की हिंसा? DM ने बताई पूरी कहानी, देखते ही गोली मारने के आदेश

Haldwani Violence : हल्द्वानी में हुई हिंसा को लेकर नैनीताल की डीएम वंदना सिंह ने कहा है कि उपद्रव करने वाली भीड़ में शामिल लोगों के पास पेट्रोल बम थे। उन्होंने पुलिस थाने के बाहर खड़े वाहनों को आग लगाई थी।

Edited By : Gaurav Pandey | Updated: Feb 9, 2024 10:46
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violence broke out in Haldwani
Haldwani Violence (ANI)

Haldwani Violence : उत्तराखंड के हल्द्वानी शहर में स्थिति इस समय तनावपूर्ण है। यहां एक मदरसे को ढहाने के चलते भड़का विवाद हिंसक संघर्ष में बदल गया। इस पूरी घटना को लेकर नैनीताल की जिलाधिकारी वंदना सिंह ने शुक्रवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने कहा कि पुलिस या प्रशासन ने किसी को नहीं भड़काया और न ही किसी को नुकसान पहुंचाया। उन्होंने बताया कि आधिकारिक सूचना के अनुसार अब तक 2 लोगों की मौत हुई है। प्रशासन ने उपद्रव‍ियों को देखते ही गोली मारने का आदेश द‍िया है।

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हाईकोर्ट के आदेश पर चलाया था अभियान

डीएम ने कहा कि हाईकोर्ट की ओर से आदेश मिलने के बाद हल्द्वानी में विभिन्न स्थानों पर अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई की गई थी। सभी को नोटिस दिया गया था। कुछ ने हाईकोर्ट का रुख किया था जिनमें से कुछ को समय दिया गया था और कुछ को नहीं। जहां समय नहीं दिया गया था वहां डिमॉलिशन अभियान चलाया गया था। उन्होंने कहा कि यह एक्शन किसी विशिष्ट संपत्ति को निशाना बनाते हुए नहीं किया गया था।

जिसे मदरसा कहा जा रहा वह रजिस्टर नहीं

जिस मदरसे को ढहाने पर विवाद खड़ा हुआ उसे लेकर डीएम सिंह ने कहा कि यह एक खाली प्रॉपर्टी थी जिसके दो स्ट्रक्चर थे। ये न तो धार्मिक ढांचे के तौर पर रजिस्टर हैं और न ही इनके पास ऐसी कोई मान्यता है। कुछ लोग इस ढांचे को मदरसा कहते हैं। हमने अतिक्रमण विरोधी अभियान जारी रखने का फैसला इसलिए लिया क्योंकि संपत्तियों पर कोई स्टे नहीं था। यहां अतिक्रमण हटाने के लिए कानूनी रास्ता अपनाया गया था।

पत्थर और पेट्रोल बम लेकर पहुंचे थे उपद्रवी

उन्होंने आगे कहा कि हमारी टीम ने किसी को न तो भड़काया और न ही नुकसान पहुंचाया। पुलिस या प्रशासन की ओर से ऐसा कोई कदम नहीं उठाया गया जिससे किसी को नुकसान हो। अतिक्रमण विरोधी अभियान शांति के साथ शुरू हुई था। जिलाधिकारी ने कहा कि पूरी प्रक्रिया को उचित तरीके से अंजाम दिए जाने के करीब आधे घंटे के अंदर लोगों की भीड़ ने हमारी म्युनिसिपल कोऑपरेशन टीम पर हमला कर दिया था।

जिलाधिकारी ने कहा कि म्युनिसिपल कॉरपोरेशन की टीम पर पत्थर फेंके गए। अतिक्रमण विरोधी अभियान चलाने के दिन हमले की प्लानिंग पहले से की गई थी। पहले आई भीड़ ने टीम पर पत्थर फेंके थे। इसके बाद आई भीड़ में शामिल लोगों के पास पेट्रोल बम थे। पुलिस स्टेशन से प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए बल प्रयोग किया गया था। यहां से उपद्रवी गांधीनगर इलाके में पहुंचे और वहां आतंक फैलाने की कोशिश की।

डीएम ने कहा कि भीड़ ने पुलिस स्टेशन को घेर लिया था और जो लोग अंदर थे उन्हें बाहर नहीं जाने दिया जा रहा था। पहले उन्होंने पत्थर फेंके और फिर पेट्रोल बम से हमला किया। पुलिस स्टेशन के बाहर खड़े वाहनों को आग लगा दी गई। जिलाधिकारी ने कहा कि इस स्थिति से निपटने के लिए पुलिस गैस ने आंसू गैस और पानी की बौछारों का इस्तेमाल किया था। यह कार्रवाई केवल सुरक्षात्मक उपाय के रूप में की गई थी।

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Edited By

Gaurav Pandey

First published on: Feb 09, 2024 10:14 AM

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