Greater Noida News: ग्रेटर नोएडा के स्मार्ट विलेज ग्राम सादुल्लापुर और उसके आसपास मौजूद अन्य गांवों का हाल बेहाल है। गांवों में रोड और नालियां टूटी पड़ी हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि कई बार संबंधित ग्रेनो अथॉरिटी से इसकी शिकायत कर चुके हैं, लेकिन आज तक समाधान नहीं हो पाया है। ग्रामीणों ने एक बार फिर ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी एसीईओ श्रीलक्ष्मी सिंह से इसकी शिकायत की है।
गांवों की स्थिति बदहाल
ग्रामीण हरेंद्र भाटी का कहना है कि सादुल्लापुर को स्मार्ट विलेज कहा जाता है। यह नाम उसे ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी ने ही दिया है। स्मार्ट विलेज सादुल्लापुर में नालियां टूटी हुई हैं जिसका पानी रोड पर बहता रहता है। जिसके कारण रोड भी टूट गई है। नालियों की सफाई नहीं हो रही है। स्थिति बद से बदतर हो रही है। मच्छरों के प्रकोप से लोगों का बुरा हाल है। हरेंद्र भाटी का आरोप है कि अफसर अपने दफ्तरों से बाहर नहीं निकल रहे हैं। इसी वजह से कर्मचारी ठीक से काम नहीं कर रहे हैं। अफसरों को अपने दफ्तरों से बाहर निकलकर काम का जायजा लेना चाहिए। जिससे गांवों की बदहाल स्थिति में सुधार आए।
महामारी फैलने के बाद जागेंगे अफसर
हरेंद्र का आरोप है कि ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी ने क्षेत्र के कुछ गांवों को पेपर स्मार्ट विलेज बताया है। जबकि गांवों में स्मार्ट जैसा कोई कार्य नहीं हो रहा है। ग्रामीण शिकायत कर-कर थक चुके हैं, लेकिन अधिकारियों के कानों में जू नहीं रेंग रही है। लगता है गांवों में महामारी फैलने के बाद अफसर कुंभकरण की नींद से जागेंगे।
लाखों के टेंडर के बाद नहीं हो रहा काम
ग्रामीण हरेंद्र भाटी का कहना है कि स्मार्ट विलेज डिविजन 2 के कार्य क्षेत्र में आता है जिसके डिवीजन -2 एवं स्वास्थ्य विभाग के सीनियर मैनेजर सनी यादव हैं। मैनेजर विजेंद्र कुशवाहा और सहायक प्रबंधक नरेश गुप्ता हैं। लाखों करोड़ों रुपए के टेंडर होने के बावजूद भी ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण कार्य कराने में असमर्थ है। वहीं ग्रामीणों का आरोप है कि सुनपुरा गांव में कच्ची कालोनियां काटी जा रही हैं। इन पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। ग्रामीणों ने दोनों ही मामलों में अथॉरिटी एसीईओ लक्ष्मी सिंह से शिकायत की है।