Manoj Pandey( Lucknow)
one nation one ration card fraud case: केंद्र सरकार की योजनाओं के नाम पर फर्जीवाड़े का एक और चौंकाने वाला मामला सामने आया है। लखनऊ पुलिस ने तीन ऐसे लोगों को गिरफ्तार किया है, जिन पर ‘वन नेशन, वन राशन कार्ड’ स्कीम के नाम पर फर्जीवाड़ा करने का आरोप है। इन लोगों के पास से उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के नाम पर जारी एक फर्जी चिट्ठी और शिकायतकर्ता का पैन कार्ड, 3 मोबाइल और आधार कार्ड भी बरामद हुआ है। मास्टरमाइंड संतोष कुमार को नई दिल्ली से, माया तिवारी को जनपद प्रयागराज और अभिषेक तिवारी को जनपद जौनपुर से गिरफ्तार किया। पुलिस ने इनके पास से उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय, भारत सरकार के फर्जी तरीके से तैयार किए गए दस्तावेजों की छायाप्रतियां बरामद की।
जुलाई 2023 में प्रधानमंत्री कार्यलय नई दिल्ली से प्राप्त पत्र के क्रम में उप कुल सचिव के नाम से एक राष्ट्र एक राशन कार्ड का कूट रचित टेंडर आर्डर जारी कर करोडों रूपये की ठगी करने वाले संगठित गिरोह के विरूद्व नियमानुसार विधिक कार्यवाही के लिए एसटीएफ यू पी को निर्देषित किया गया था।
नई दिल्ली के डीसीपी डॉ. ईश सिंघल ने बताया कि 6 फरवरी को उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने संसद मार्ग थाने में शिकायत देकर बताया था कि कुछ लोग केंद्र सरकार की वन नेशन, वन राशन कार्ड स्कीम के नाम पर फर्जीवाड़ा कर रहे हैं। बताया गया कि किसी ने इस स्कीम के तहत आधार कार्ड से लिंक्ड प्लास्टिक वाले राशन कार्ड बनाने और बांटने के नाम पर किसी ने फर्जी टेंडर जारी किया है। पुलिस ने जांच तो शुरू कर दी, लेकिन फर्जीवाड़े का शिकार बना कोई पीड़ित व्यक्ति पुलिस को नहीं मिल रहा था। उसी दौरान 2 मार्च को महाराष्ट्र के रहने वाले भगवत साहेबराव वायाल ने मंत्रालय में संपर्क करके बताया कि उन्हें इस स्कीम के नाम पर ठगा गया है।
महाराष्ट्र में भी हो चुके इस तरह के फर्जीवाडे़
पुलिस ने पीड़ित से पूछताछ की, तो पता चला कि उनके दोस्त संजय सालीग्राम कोचे ने उन्हें बताया था कि वन नेशन, वन राशन कार्ड स्कीम के तहत महाराष्ट्र के लोगों को प्लास्टिक के राशन कार्ड बांटने के लिए कुछ कंपनियों को ठेका दिया गया है। संजय ने कहा कि ऐसी ही एक कंपनी में उनके अच्छे कनेक्शंस हैं, जिसके जरिए उन्हें करीब 6 करोड़ का यह ठेका मिल सकता है। भागवत ने हामी भर दी और कॉन्ट्रैक्ट हासिल करने के लिए वह मोटी रकम चुकाने के लिए भी तैयार हो गए। कुछ दिन बाद संजय एमओयू साइन करवाने के लिए भागवत को रांची के हटिया बाईपास स्थित एक कंपनी के ऑफिस पर लेकर गए।
वहां संजय और उनके दोस्त चंदन ने भागवत को श्रीकांत सुमन, विकास कुमार और प्रत्यूष कुमार राणा से मिलवाया। इन तीनों ने खुद को कंपनी का मालिक बताया। पहले डील हुई थी कि एक जिले का कॉन्ट्रैक्ट 8 लाख में मिलेगा, लेकिन बाद में यह रकम बढ़ाकर 15 लाख कर दी गई। इनमें से 9 लाख रुपये एडवांस देने थे और बाकी के 6 लाख रुपये कॉन्ट्रैक्ट मिलने के बाद देने थे।
बिहार- झारखंड में 59 लाख की ठगी की थी
कुछ समय पहले बिहार-झारखंड से ‘वन नेशन वन राशन कार्ड’ के नाम पर एक बड़ी जालसाजी का मामला सामने आया था। बिहार-झारखंड के सभी जिलों में राशन कार्ड को पीवीसी कार्ड में बदलने का टेंडर देने के नाम पर करोड़ों की ठगी की गई थी इसमें आईटी की शीर्ष कंपनी टेक महिंद्रा का फर्जी एग्रीमेंट पेपर दिखाकर जालसाजों ने बकायदा बिहार व झारखंड में ऑफिस खोलकर बड़े कारोबारियों व ठेकेदारों को चूना लगाया था। कन्हैया इंटरप्राइजेज के ऑनर अभिषेक से 59 लाख से ज्यादा की राशि जालसाजों ने ले ली थी।
ईयरपाथ इंफ्राटेक का खुद को डायरेक्टर बताने वाले प्रियरंजन व अमरदीप ने इन्हें टेक महिंद्रा के नाम पर ‘वन नेशन वन राशन कार्ड’ के तहत राशन कार्ड को पीवीसी कार्ड में बदलने का जिम्मा देते हुए फर्जी एग्रीमेंट कर लिया। दोनों ने टेक महिंद्रा के बिहार व झारखंड के सभी जिलों के लिए टेंडर लेने की बात बताई। अभिषेक ने चार जिलों के लिए हजार रुपए के स्टांप पेपर पर एग्रीमेंट किया और 10 लाख दे दिए। गया, जहानाबाद, अरवल व औरंगाबाद के लिए पीवीसी के कार्ड बनाने की बात तय हुई थी।
एसपी बोकारो को दिए आवेदन में पालीगंज पटना के खीरी मोड़ थाना क्षेत्र के रघुनाथपुर निवासी अभिषेक ने बताया है कि फरवरी 2021 में ईयरपाथ इंफ्राटेक लिमिटेड नाम की फर्जी कंपनी के संचालक बोकारो के नेहरु को-ऑपरेटिव कॉलोनी वी-17, सेक्टर 12 के रहने वाले प्रियरंजन अवस्थी व सहरसा के सिमरी बख्तियारपुर थाने के रेगनिया निवासी अमरदीप सिंह के संपर्क में आए। दोनों से मिलाने वाले रोहतास के नासरीगंज थाने के तरांव के अनुकूल व जहानाबाद के रतनी फरीदपुर थाने के सरैया निवासी अर्जुन थे।