Dog Policy: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के कई जिलों में पालतू कुत्तों को लेकर पूर्व में नियम (Dog Policy) जारी किए जा चुके हैं। अब प्रदेश के शहरी विकास विभाग की ओर से भी सख्त नियम जारी किए गए हैं। विभाग ने कुत्तों के पंजीकरण से संबंधित सभी शहरी स्थानीय निकायों को जारी आदेश में कहा है कि क्या करें और क्या न करें।
ताकि सार्वजनिक तौर पर किसी को परेशानी न हो
एक मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि सभी कुत्ते के मालिकों को अब स्थानीय निकायों को एफिडेविड देना होगा। इससे यह सुनिश्चित होगा कि उनके पालतू जानवर सार्वजनिक रूप से किसी को परेशानी नहीं करेंगे। अधिकारियों ने कहा कि यह फैसला इसलिए लिया गया है क्योंकि पिछले कुछ महीनों के अंदर राज्य में खूंखार कुत्तों के हमलों के कई मामले सामने आए हैं।
आवारा कुत्तों के लिए नहीं होगा कोई शुल्क
इसी तरह ब्रिडर (पालतू कुत्तों को बेचने वाले), रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशनों और बड़ी संख्या में आवारा कुत्तों को गोद लेने वाले व्यक्तियों के लिए भी नियम बनाए गए हैं। इस प्रक्रिया में आवारा कुत्तों का पंजीकरण बिना किसी शुल्क के किया जाएगा।
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इस तरह लखनऊ बने यूपी का पहला शहर
जानकारी के मुताबिक नए नियमों को लागू करने वाला जिला लखनऊ प्रदेश का पहला शहर बनने जा रहा है। स्थानीय नगर निगम के अधिकारियों ने बताया कि आने वाले दिनों में कुत्तों के पंजीकरण की अनुमति देते हुए सरकार की ओर से तैयार की गई नई गाइड लाइन को लागू किया जा रहा है।
नोएडा में लागू नहीं होंगे ये नियम
अधिकारियों की ओर से कहा गया है कि यह नीति नोएडा पर लागू नहीं होगी, क्योंकि यह एक औद्योगिक क्षेत्र है। यह शहर उद्योग विकास विभाग की ओर से शासित हैहोता है। यहां कुत्ते के मालिकों के लिए खुद के नियम हैं।
आवारा कुत्तों को गोद लेने वालों के लिए होंगे ये नियम
बताया गया है कि आवारा कुत्तों का पंजीकरण बिना, नसबंदी और टीकाकरण बिना किसी शुल्क के किया जाएगा। इसके साथ ही पांच या इससे ज्यादा आवारा कुत्तों को गोद लेने वाले व्यक्तियों को आश्रय गृहों के समान माना जाएगा। पशु कल्याण विभाग, बोर्ड ऑफ इंडिया की ओर से निर्धारित दिशानिर्देशों का पालन करना होगा।
खास चिप में होगा मालिक का नाम, पता और नंबर
अधिकारियों का कहना है कि इससे पालतू कुत्तों द्वारा घटनाओं पर जवाबदेही तय की जा सकती है। नियम के तहत पालतू जानवरों को पंजीकृत करने वाले नागरिक निकाय को कुत्ते के मालिक को एक चिप या टोकन भी देना होगा, जिसमें पालतू जानवर का पंजीकरण नंबर होगा। साथ ही मालिक का नाम, पता और संपर्क सूत्र भी होगा।