Lucknow News: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दीपावली के ठीक पूर्व प्रदेश के छात्र-छात्राओं को बड़ी सौगात देते हुए दशमोत्तर एवं पूर्वदशम छात्रवृत्ति वितरण कार्यक्रम के अंतर्गत एक साथ 10 लाख 28 हजार 205 विद्यार्थियों को 300 करोड़ रुपये की छात्रवृत्ति राशि डीबीटी के माध्यम से सीधे उनके बैंक खातों में प्रेषित की. इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि यह कार्यक्रम प्रदेश के होनहार विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करने और उनकी शिक्षा में किसी प्रकार की बाधा न आने देने के संकल्प के साथ आयोजित किया गया है. यह डबल इंजन सरकार द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में चलाए जा रहे शिक्षा-सशक्तिकरण अभियान की एक नई कड़ी है. उन्होंने कहा कि इससे पहले भी विजयादशमी के अवसर पर बड़ी संख्या में विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति दी गई थी. पहले छात्रवृत्ति वितरण प्रक्रिया में भेदभाव, विलंब और भ्रष्टाचार जैसी समस्याएं आम थीं, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में टेक्नोलॉजी आधारित डीबीटी प्रणाली लागू होने से अब पात्र छात्रों के खाते में राशि सीधे पहुंच रही है. कहा कि अब छात्रवृत्ति वर्ष में एक बार नहीं बल्कि दो चरणों में (अक्टूबर और जनवरी में) दी जाएगी, ताकि छात्रों को समय पर सहायता मिले. उन्होंने बताया कि वर्ष 2016-17 तक जहां केवल 8.64 लाख विद्यार्थी छात्रवृत्ति से लाभान्वित होते थे, वहीं अब यह संख्या 62 लाख तक पहुंच गई है.
विभिन्न वर्गों के छात्रों को मिली छात्रवृत्ति
मुख्यमंत्री ने बताया कि इस अवसर पर अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के 3 लाख 56 हजार से अधिक विद्यार्थियों को 114 करोड़ 92 लाख, सामान्य वर्ग के 97 हजार से अधिक छात्रों को 29 करोड़ 18 लाख, अन्य पिछड़ा वर्ग के 4 लाख 83 हजार से अधिक विद्यार्थियों को 126 करोड़ 69 लाख और अल्पसंख्यक वर्ग के 90 हजार 758 विद्यार्थियों को 27 करोड़ 16 लाख की राशि डीबीटी के माध्यम से सीधे उनके खातों में भेजी गई है. कहा कि सरकार की मंशा एकदम स्पष्ट है, जैसा कि प्रधानमंत्री मोदी कहते हैं,“पारदर्शिता ही सुशासन की पहचान है।”डीबीटी प्रणाली इसी पारदर्शिता का सशक्त उदाहरण है. कहा कि सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि कोई भी पात्र छात्र छात्रवृत्ति से वंचित न रहे. गत वर्ष जिन विद्यार्थियों को संस्थानों की लापरवाही या पोर्टल की त्रुटियों के कारण छात्रवृत्ति नहीं मिल पाई थी. उनके लिए पोर्टल को पुनः सक्रिय किया गया है. जैसे ही डेटा एंट्री पूरी होगी, एक विशेष समारोह में उन्हें भी डीबीटी के माध्यम से राशि दी जाएगी. उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य स्पष्ट है कि प्रदेश का कोई भी बच्चा शिक्षा के अधिकार से वंचित न रहे, हर छात्र अपने सपनों की उड़ान भर सके.
4 करोड़ 27 लाख विद्यार्थियों को अब तक लाभ
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में भारत रत्न बाबा साहब डॉ. भीमराव आंबेडकर का उल्लेख करते हुए कहा कि बाबा साहब ने कहा था कि “पढ़-लिखकर ही हम स्वावलंबी बन सकते हैं और समाज के लिए कुछ कर सकते हैं.” उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि कठिन परिस्थितियों में भी बाबा साहब ने शिक्षा के बल पर अपनी राह बनाई. हमारे पास संसाधनों की कमी नहीं, आवश्यकता है मेहनत, अनुशासन और लगन की. मुख्यमंत्री ने विद्यार्थियों से आह्वान किया कि वे पुस्तकालयों की ओर रुझान बढ़ाएं, नियमित रूप से विद्यालय जाएं, नवाचार के प्रति जिज्ञासा रखें और समाज व राष्ट्र निर्माण में सक्रिय भूमिका निभाएं. मुख्यमंत्री ने बताया कि पिछले आठ वर्षों में 4 करोड़ 27 लाख से अधिक विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति का लाभ दिया गया है. 2016-17 से पहले की सरकारों ने अनुसूचित जाति और जनजाति छात्रों की छात्रवृत्ति रोक दी थी, लेकिन हमारी सरकार ने न केवल वह राशि जारी की बल्कि दो वर्षों की छात्रवृत्ति एक साथ दी। उन्होंने कहा कि हमारा स्पष्ट संकल्प है कि किसी भी विद्यार्थी के साथ भेदभाव नहीं होगा. ईमानदारी, पारदर्शिता और समान अवसर हमारी सरकार की प्राथमिकता है.
शिक्षा-सशक्तिकरण की नई पहलें
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन में प्रदेश में शिक्षा-सशक्तिकरण के लिए कई नई पहलें की गई हैं. अटल आवासीय विद्यालय के माध्यम से सभी 18 कमिश्नरी में विद्यालय संचालित किए जा रहे हैं, जहां श्रमिक परिवारों के बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा, आवास और भोजन की सुविधा मिल रही है. आश्रम पद्धति विद्यालय के अंतर्गत अनुसूचित जाति वर्ग के छात्रों के लिए उत्कृष्ट शिक्षा, आवास और भोजन की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है. कस्तूरबा बालिका विद्यालय के माध्यम से गरीब और वंचित वर्ग की बालिकाओं को इंटरमीडिएट स्तर तक निःशुल्क शिक्षा प्रदान की जा रही है. अभ्युदय कोचिंग योजना के तहत प्रदेश के प्रत्येक जनपद में प्रतियोगी परीक्षाओं की निःशुल्क तैयारी का अवसर मिल रहा है, जिससे अब छात्रों को बाहर नहीं जाना पड़ता. मुख्यमंत्री ने बताया कि समाज कल्याण विभाग के माध्यम से प्रदेश के 1 करोड़ 5 लाख परिवारों को 12,000 वार्षिक पेंशन डीबीटी के जरिए दी जा रही है. पहले 300 मासिक पेंशन छह महीने में दी जाती थी, जिसमें बिचौलिये हिस्सा खा जाते थे. हमारी सरकार ने इसे बढ़ाकर अब 1,000 प्रति माह किया है. उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत अब तक 4 लाख से अधिक बेटियों के विवाह कराए जा चुके हैं. प्रत्येक विवाह के लिए 1 लाख की सहायता राशि दी जाती है.
गरीबी उन्मूलन में ऐतिहासिक उपलब्धि
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में देश और प्रदेश ने अभूतपूर्व परिवर्तन देखा है. देश में 25 करोड़ से अधिक लोग गरीबी रेखा से ऊपर उठे हैं, जबकि उत्तर प्रदेश में 6 करोड़ से अधिक लोग गरीबी से बाहर निकले हैं. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री का शताब्दी संकल्प 2047 हमें प्रेरित करता है कि शिक्षा, आत्मनिर्भरता और सामाजिक न्याय के माध्यम से हम नवभारत के निर्माण में सहभागी बनें. मुख्यमंत्री ने विशेष रूप से अनुसूचित जाति और जनजाति के विद्यार्थियों से कहा कि स्कूल अवश्य जाएं, नियमित पढ़ाई करें, मेहनत करने की आदत डालें. आपमें नैसर्गिक प्रतिभा है. यदि आप लगन और परिश्रम से अध्ययन करेंगे, तो बाबा साहब का सपना साकार कर सकते हैं. मुख्यमंत्री ने सभी छात्रों को दीपावली की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आप सभी को आश्वस्त करता हूं कि अन्य पात्र विद्यार्थियों को भी यही लाभ समयबद्ध रूप से मिलेगा,ताकि कोई भी छात्र या छात्रा शिक्षा से वंचित न रहे. इस अवसर पर समाज कल्याण मंत्री असीम अरुण, राज्य मंत्री संजीव सिंह गोंड, अल्पसंख्यक समाज कल्याण के राज्य मंत्री मो. दानिश आजाद अंसारी, अपर मुख्य सचिव समाज कल्याण एल वेंकटेश्वर लू, प्रमुख सचिव पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग सुभाष चंद्र शर्मा, प्रमुख सचिव अल्पसंख्यक कल्याण विभाग संयुक्ता समद्दार और अनुसूचित जाति-जनजाति आयोग के अध्यक्ष बैजनाथ रावत मौजूद रहे.