नोएडा के सेक्टर 128 स्थित जेपी बिल्डर के मार्केटिंग ऑफिस में सीबीआई ने छापेमारी की है। सीबीआई नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेसवे इलाके में बने 24 रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स की जांच में जुटी है। जांच एजेंसी ने यह छापेमारी सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद की है। जानकारी के अनुसार सीबीआई सबवेंशन स्कीम के तहत दिए गए लोन की जांच कर रही है। आरोप है कि इस लोन के पैसे का गलत इस्तेमाल किया गया।
सबवेंशन स्कीम के तहत बैंक पहले सीधा बिल्डर को होम लोन की रकम देते थे। ऐसे में कई मामलों में कंपनी ने ब्याज देना बंद कर दिया और ग्राहकों को फ्लैट भी नहीं दिया। वहीं कई मामलों में खरीदारों को बिना घर मिले ही ईएमआई चुकानी पड़ी।
सीबीआई ने छापेमारी से पहले जुटाई जानकारी
बता दें कि इस मामले में सीबीआई ने गुरुवार को नोएडा प्राधिकरण से 9 बिल्डर प्रोजेक्ट की रिपोर्ट मांगी थी। वहीं ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण से भी 11 बिल्डर प्रोजेक्ट की रिपोर्ट मांगी थी। जबकि यमुना प्राधिकरण से 4 बिल्डर प्रोजेक्ट की रिपोर्ट मांगी गई है। सीबीआई ने सभी अथॉरिटीज से बकाया, ले आउट प्लान, मंजूरी पत्र, रजिस्ट्री की स्थिति और बिल्डर को लेकर पूरी जानकारी मांगी है।
अथॉरिटीज से मिली जानकारी के आधार पर ही सीबीआई की टीम ने आज जेपी बिल्डर के ऑफिस पर छापेमारी की। ऑफिस पर फिलहाल सीआरपीएफ और यूपी पुलिस के जवान तैनात है। फिलहाल सीबीआई मार्केटिंग ऑफिस पर अहम दस्तावेजों की जांच में जुटी है।
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कार्रवाई के बाद रियल एस्टेट सेक्टर में हड़कंप
इस कार्रवाई के बाद रियल एस्टेट सेक्टर में हड़कंप का माहौल है। सूत्रों की मानें तो आने वाले दिनों में कई दूसरी रियल एस्टेट कंपनियां भी जांच के दायरे में आ सकती है। इससे न सिर्फ बिल्डरों की जवाबदेही तय होगी बल्कि आम लोगों के हितों की रक्षा भी होगी। बता दें कि दिल्ली-एनसीआर में कई इन कंपनियों के कई ऐसे प्रोजेक्ट्स है जो बीच में लटके हैं और लोगों ने अपने घर के पैसे भी भर दिए हैं लेकिन उनको सपनों का घर मिलना वास्तव में एक दूर का सपना हो गया है।
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