शाहनवाज , बुलंदशहर
बुलंदशहर जिले के किसान इस समय बड़ी परेशानी का सामना कर रहे हैं। अनूपशहर के किसान प्रकाश ने 750 किलो टमाटर उगाकर मंडी में बेचे, लेकिन उसे हाथ में सिर्फ 75 रुपये ही मिले। किसान प्रकाश 25-25 किलो की 30 क्रेट टमाटर लेकर बुलंदशहर की नवीन फल-सब्जी मंडी पहुंचा। मंडी में आढ़ती ने उसके टमाटर सिर्फ 25 रुपये प्रति क्रेट की दर से बेच दिए। इससे कुल ₹750 की कमाई हुई। लेकिन ₹600 ट्रांसपोर्ट का भाड़ा और ₹75 मजदूरी कटने के बाद प्रकाश को केवल ₹75 बचे। ये ₹75 भी प्रकाश ने गांव लौटने में खर्च कर दिए।
मंडी में टमाटर की कोई कीमत नहीं रही
मंडी में टमाटर का दाम सिर्फ ₹1 किलो तक रह गया है। जो किसान अच्छे टमाटर लाते हैं और सुबह जल्दी मंडी पहुंचते हैं, वही थोड़ा बहुत दाम पा रहे हैं। सुबह साढ़े आठ बजे के बाद तो मंडी में कोई टमाटर खरीदने नहीं आता। मजबूरन किसान अपने टमाटर या तो फेंक देते हैं या फिर गौशालाओं और राहगीरों को दे देते हैं। ये हालात पिछले एक महीने से लगातार बने हुए हैं। कई किसानों की टमाटर की पूरी फसल बर्बाद हो गई है।
एक साथ फसल पकने से बिगड़ा संतुलन
इस बार की तेज गर्मी के कारण खेतों में टमाटर एक साथ पक गया। एक साथ फसल आने से मंडियों में सप्लाई बढ़ गई है, लेकिन मांग कम होने के कारण टमाटर के दाम गिर गए। मंडी में हर दिन करीब 1000 से 1200 क्रेट टमाटर की मांग रहती है, लेकिन वहां रोज 2000 से ज्यादा क्रेट पहुंच रहे हैं। ऐसे में टमाटर की भरमार हो गई है और किसानों को नुकसान उठाना पड़ रहा है।
किसानों ने सरकार से मदद की मांग की
किसान लगातार घाटे में जा रहे हैं और उन्हें खेती का खर्च भी नहीं निकल पा रहा है। किसान संगठनों का कहना है कि सरकार को इस पर तुरंत ध्यान देना चाहिए। मंडी में सही दाम दिलवाने के लिए सरकारी खरीद की व्यवस्था होनी चाहिए, नहीं तो किसान बर्बाद हो जाएंगे। कुछ किसानों ने तो अगली फसल में टमाटर ना उगाने का मन बना लिया है। टमाटर जैसी फसल को बचाने के लिए जल्द कदम उठाना बहुत जरूरी है।