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उत्तर प्रदेश / उत्तराखंड

BJP 2027 Assembly Elections Plan: UP में BJP का फोकस दलित-महिला जिलाध्यक्षों पर क्यों?

BJP 2027 Assembly Elections Plan: यूपी में बीजेपी अब तक जिलाध्यक्षों की सूची जारी नहीं कर पाई है। मिल्कीपुर उपचुनाव के बाद बीजेपी ने 98 संगठनात्मक जिलों में से 75 जिलों में नियुक्ति कर दी थी। लेकिन आलाकमान ने महिला और दलित अध्यक्षों की भागीदारी बढ़ाने का फरमान जारी किया है? ऐसे में आइये जानते हैं बीजेपी ने यह फैसला क्यों उठाया?

Author Edited By : Rakesh Choudhary Updated: Feb 24, 2025 13:58
UP BJP Political Strategy
UP BJP Political Strategy

UP BJP Political Strategy: यूपी में भाजपा जिलाध्यक्षों की सूची का सभी को इंतजार है। विधानसभा चुनाव 2027 को देखते हुए बीजेपी अधिक से अधिक दलितों और महिलाओं को जिला अध्यक्ष बनाना चाहती है। ऐसा करके बीजेपी दोनों वर्गों को मैसेज देना चाहती है। इससे पहले बीजेपी ने 70 जिलाध्यक्षों की सूची फाइनल कर दी थी। सपा के पीडीए का तोड़ निकालने के लिए पार्टी ने अपनी रणनीति में बदलाव किया है। कहा तो यह भी जा रहा है कि संघ ने इसमें सक्रियता दिखाई और आलाकमान से सपा के पीडीए का तोड़ निकालने के लिए यह सुझाव दिया।

बता दें बीजेपी की प्रदेश चुनाव समिति ने डेढ़ महीने की माथापच्ची के बाद 70 जिलाध्यक्षों की सूची तैयार की थी। ऐसे में संघ की सलाह और बीजेपी आलाकमान के आदेश के बाद बीजेपी के चुनाव प्रभारी महेंद्रनाथ पांडेय और संगठन मंत्री धर्मपाल अलग-अलग जिलों में इसको लेकर बैठक कर रहे हैं। ऐसे में आइये जानते हैं बीजेपी के इस फैसले के राजनीतिक मायने क्या है?

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दलितों में पैठ बनाना चाहती है बीजेपी

बीजेपी 4 की बजाय 13 जिलाध्यक्ष दलित वर्ग से क्यों बना रही है? इस पर पाॅलिटिकल एक्सपर्ट हर्षवर्धन त्रिपाठी ने कहा बीजेपी के लिए यह बड़ी चुनौती है। विधानसभा चुनाव में हैट्रिक बनाने के लिए बीजेपी नई रणनीति पर काम कर रही है। यूपी में मायावती का प्रभाव कम हुआ है। उनका वोट बैंक सभी पार्टियों में बंट गया है। हालांकि यह बात केवल गैर जाटव के लिए ही कही जाती है। जाटव वोट बैंक अभी भी मायावती के साथ है। लोकसभा चुनाव 2024 में बीजेपी को मिलने वाला दलित वोट राहुल गांधी को मिला है। यही कारण रहा कि उन्होंने 7 सीटों पर जीत दर्ज की। ऐसे में बीजेपी को इस रणनीति पर काम करना पड़ रहा है।

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वहीं अगर बीजेपी दूसरी जातियों को साधकर जिलाध्यक्षों को नियुक्त करने में कामयाब रहती है उसकी दलितों में आउटरीच बढ़ जाएगी। फिलहाल सपा और मायावती की तुलना में बीजेपी की ओबीसी और अन्य जातियों में तो आउटरीच है लेकिन दलितों में कम है। विधानसभा चुनाव 2027 में बीजेपी को इसका फायदा भी मिल सकता है।

सर्वे में नाम सामने आना जरूरी

वहीं महिलाओं को प्रतिनिधित्व देने के बात पर उन्होंने कहा कि कई राज्यों में बीजेपी ने प्रदेश स्तर पर 33 प्रतिशत पदों पर महिलाओं को नियुक्त किया है। हां जब जिलों की बात आती है तो यह स्थिति थोड़ी सी उलट जाती है। इसके पीछे संगठनात्मक कामों का होना है। जिला अध्यक्ष को रोजाना पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं से मिलना होता है। ऐसे में एक महिला के लिए यह दिक्कत हो सकती है। इसके अलावा एक और समस्या सर्वे में महिला कार्यकर्ताओं का नाम सामने नहीं आना भी है।

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जल्द जारी होगी सूची

मामले में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी का कहना है कि आरक्षण को लेकर पेंच नहीं फंसा है। बीजेपी में समाज के सभी वर्गों का प्रतिनिधित्व है। भाजपा ही एक ऐसा संगठन है, जिसमें महिलाओं और एससी के लिए काम करने के अवसर दिए गए हैं। बहुत जल्द नए जिलाध्यक्षों की सूची जारी होगी।

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Edited By

Rakesh Choudhary

First published on: Feb 24, 2025 01:57 PM

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