TrendingIsrael Hezbollah WarHaryana Assembly Election 2024Jammu Kashmir Assembly Election 2024Aaj Ka Mausam

---विज्ञापन---

क्या है 6 क्विंटल देसी घी के पीछे की कहानी, जो अयोध्या रामंदिर में चढ़ेगा? पूरा होगा संत का 20 साल पुराना संकल्प

Ayodhya Ram Mandir: मंदिर में होने वाली पहली आरती और महायज्ञ में पूजा के लिए शुद्ध देसी घी जोधपुर से भेजा जाएगा। इस घी को मंदिर की अखंड ज्योत में इस्तेमाल किया जाएगा।

Edited By : Swati Pandey | Updated: Mar 2, 2024 16:59
Share :

लोकेश व्यास ( जोधपुर) 

Ayodhya Ram Mandir: देशभर में जनवरी 2024 में भगवान श्रीराम के भक्तों का कई दशकों का लंबा इंतजार खत्म होने जा रहा है। मंदिर जनवरी में बनकर तैयार हो जाएगा। ऐतिहासिक उत्सव राजस्थान जोधपुर की भी खास भागीदारी होने जा रही हैं। मंदिर में होने वाली पहली आरती और महायज्ञ में पूजा के लिए शुद्ध देसी घी जोधपुर से भेजा जाएगा। इस घी को मंदिर की अखंड ज्योत में इस्तेमाल किया जाएगा। जोधपुर से 6 क्विंटल यानी 600 किलो घी को अयोध्या भेजा जाएगा। खास बात यह है कि जोधपुर से 108 रथों से भव्य यात्रा निकली जाएगी। रथों में 216 बेल होंगे। ये रथ 27 नवम्बर को लेकर जोधपुर से अयोध्या के लिए निकलेगे।

एक संत का 20 साल पुराना संकल्प

जोधपुर के बनाड़ के पास जयपुर रोड पर श्रीश्री महर्षि संदीपनी राम धर्म गौशाला है। इस गौशाला का संचालन महर्षि संदीपनी महाराज की ओर से किया जा रहा है। महर्षि संदीपनी महाराज ने बताया कि उन्होंने 20 साल पहले संकल्प लिया था कि अयोध्या राम मंदिर के लिए वे शुद्ध देशी गाय का घी लेकर जाएंगे। इसी बीच साल 2014 में उन्होंने गायों से भरे एक ट्रक को रुकवाया, जो जोधपुर से गौकशी के लिए ले जाया जा रहा था। ट्रक में करीब 60 गायें थीं। महाराज ने इन गायों को छुड़वाया और आस-पास की गौशाला में ले गए। सभी ने इन गायों को रखने से मना कर दिया।

यह भी पढ़े: पत्नी-ससुर को ईंट-डंडों से पीट-पीटकर मारा, खुद को भी गोली से उड़ाया, जांच में सामने आई मर्डर- सुसाइड की वजह

पहले लोगों ने मजाक उड़ाया, फिर दिया सहयोग

महाराज ने आस-पास के लोगों को जब अपने प्रण के बारे में बताया तो लोगों ने कई सवाल किए और मजाक उड़ाया। यात्रा कैसे पूरी होगी? इतना घी कहां से लाओगे? महाराज ने लोगों के सवालों से विचलित हुए बिना घी एकत्रित करना जारी रखा। 2016 में लोगों को जब महाराज के संकल्प की गंभीरता का अहसास हुआ तो वे गौशाला आए।

घी के लिए गायों की डाइट और रूटीन बदला

महाराज संदीपनी ने बताया कि यदि घी में मिलावट हो तो वो जल्दी खराब हो जाता है। उन्होंने जो देसी घी तैयार किया है, वह प्राचीन परंपरा के अनुसार किया गया है। उन्होंंने बताया कि घी की शुद्धता बनाए रखने के लिए गायों की डाइट में भी बदलाव किया गया। पिछले 9 सालों से गायों को हरा चरा, सूखा चारा और पानी ही दिया गया। इन तीन चीजों के अलावा बाकी सारी चीजों पर पाबंदी लगा दी। इतना ही नहीं गौशाला में आने वाले लोगों को भी सूचित किया गया है, कि इन गायों को बाहर से लाया गया कुछ न खिलाए।

यह भी पढ़े: प्रयागराज में कंडक्टर के हमलावर का कबूलनामा, इंटरनेट पर देखता है पाकिस्तानी स्कॉलर खादिम हुसैन रिजवी के वीडियो

हर तीन साल में घी को उबालते

9 साल में गायों की संख्या 60 से बढ़कर 350 पहुंच गई है। इन्हें अधिकांश वे गौवंश है, जो सड़क हादसे का शिकार थे या बीमार थे। गायों की संख्या बढ़ी तो घी की मात्रा भी बढ़ने लगी। घी के बर्तनों को अच्छी तरह साफ किया जाता है। यही कारण है कि इतने साल में भी ये घी खराब नहीं हुआ। इसके अलावा जिस कमरे में ये घी स्टोर किया जा रहा है, वह भी साफ सुथरा है और भरपूर वेंटिलेशन है।

(Tramadol)

HISTORY

Written By

Swati Pandey

Edited By

rahul solanki

First published on: Nov 27, 2023 06:00 AM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें
Exit mobile version