---विज्ञापन---

बच्चों को लेकर इलाहाबाद कोर्ट की अहम टिप्पणी, कहा- ध्यान रहे ये श्रवण कुमार की धरती रही है

Allahabad High Court Says Children Should Take Care Of Parents: न्यायमूर्ति महेश चंद्र त्रिपाठी और न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार ने कहा कि जब बूढ़े माता-पिता अपनी मेहनत से कमाई गई संपत्ति बच्चों के नाम करते है, तब वे खुद कमजोर होते हैं, ऐसे समय में माता-पिता की देखभाल करना बच्चों का एक नैतिक और कानूनी कर्तव्य है

Edited By : Swati Pandey | Updated: Oct 25, 2023 15:52
Share :

Allahabad High Court Says Children Should Take Care Of Parents: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि भारत के परंपरा और भारतीय समाज के सिद्धांत में किसी वृद्ध माता-पिता और बुजुर्गों की देखभाल की जिम्मेदारी को प्राथमिकता दी गई है।अपनी एक टिप्पणी में बुजुर्ग माता-पिता की देखभाल के लिए श्रवण कुमार का उदाहण दिया। न्यायमूर्ति महेश चंद्र त्रिपाठी और न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार ने कहा कि जब बूढ़े माता-पिता अपनी मेहनत से कमाई गई संपत्ति बच्चों के नाम करते है, तब वे खुद कमजोर होते हैं, ऐसे समय में माता-पिता की देखभाल करना बच्चों का कर्तव्य है।

भारत देश संस्कृति, मूल्य और नैतिकता की भूमि 

कोर्ट ने कहा, भारत देश संस्कृति, मूल्य और नैतिकता की भूमि रहा है। यह महान श्रवण कुमार की भूमि है, जिन्होंने अपने अंधे माता-पिता के लिए अपना जीवन बलिदान कर दिया। भारतीय समाज के पारंपरिक मानदंड और मूल्य बुजुर्गों की देखभाल के कर्तव्य पर जोर देते हैं। पारंपरिक समाज में अपने माता-पिता के प्रति बच्चों के कर्तव्यों को उन पर बकाया ऋण के रूप में माना जाता था।

---विज्ञापन---

कोर्ट ने कहा कि अपने माता-पिता की देखभाल करने का बच्चों का दायित्व केवल मूल्यों पर आधारित नहीं है। यह कानूनी रूप से बाध्य कर्तव्य भी है। इसके लिए माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों के भरण-पोषण और कल्याण अधिनियम, 2007 की परिकल्पना की गई है। अधिनियम के तहत बच्चे अपने बुजुर्ग माता-पिता की देखभाल करने और उनकी गरिमा बनाए रखने और बुढ़ापे में उनका सम्मान करने के लिए बाध्य हैं।

बुढ़ापे में मां-बाप को बच्चों की जरूरत

बुढ़ापे में माता पिता को शारीरिक कमजोरियों के अलावा भावनात्मक रूप से साथ की जरूरत होती है। इन कमजोरियों के कारण वे पूरी तरह से अपने बच्चों पर निर्भर होते हैं। अक्सर देखा जाता है कि अपने माता-पिता से संपत्ति प्राप्त करने के बाद बच्चे अपने वृद्ध माता-पिता को छोड़ देते हैं।”

---विज्ञापन---

अदालत ने याचिकाकर्ता 85 वर्षीय छविनाथ ने अपने बेटों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि उनके बच्चों द्वारा उनके साथ दुर्व्यवहार किया जा रहा है। याचिका में उन्होने बताया कि बच्चों ने उन्हें गैरकानूनी तरीके से उनकी संपत्ति से बेदखल कर दिया है।

HISTORY

Edited By

Swati Pandey

First published on: Oct 25, 2023 03:52 PM
संबंधित खबरें