समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने गंभीर अपराधों के आरोपों में घिरे पीएम, सीएम और मंत्रियों को हटाने संबंधी बिल को लेकर केंद्र और प्रदेश सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा,’ हमारे मुख्यमंत्री (योगी) को पहले से ये पता था कि ऐसा विधेयक (बिल) आने वाला है। कुर्सी पर बैठते ही उन्होंने सब अपने मुकदमे वापस ले लिए। अपने तो लिए ही, साथ में डिप्टी सीएम के मुकदमे भी वापस ले लिए।’
आजम खां, इरफान, प्रजापति को भेजा जेल, अब्बास बच गए
अखिलेश यादव ने आगे कहा,’जो लोग इस विधेयक को ला रहे हैं। उन्होंने कई जगह ये स्वीकार किया है कि उन पर झूठे मुकदमे लगे थे, उन्हें झूठा फंसाया गया था। अगर उन्हें झूठा फंसाया गया था तो कल किसी और को भी झूठा फंसाया जा सकता था। अब आप देखिए मोहम्मद आजम खां साहब पार्टी के नेता हैं, उन्हें जेल भेज दिया। पिछले कई वर्षों से विधायक प्रजापति को जेल भेज दिया। इरफान सोलंकी, रमाकांत यादव, अब्बास तो बच गए।
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विपक्ष के लोगों को परेशान कर रही है सरकार
अखिलेश ने कहा,’ ये सरकार विपक्ष को परेशान करने के लिए, विपक्षी पार्टी पर दबाव बनाने के लिए और क्षेत्रीय दलों के अंदर विद्रोह कराने के लिए विधेयक ला रही है। सबसे महत्वपूर्ण जो ये चुनाव में डकैती करते हैं और वोट की चोरी करते हैं। उस बहस से हटने के लिए ये इस तरह का विधेयक जानबूझकर लाया जा रहा है। इसी वजह से हम इसका विरोध कर रहे हैं।
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सपा और अन्य विपक्षी दलों का विरोध रहेगा जारी
गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को लोकसभा में गंभीर आरोपों में लगातार 30 दिनों तक हिरासत में रहने पर प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्रियों और मंत्रियों को पद से हटाने संबंधी 3 विधेयक पेश किए थे। इस दौरान विपक्षी सांसदों ने कड़ा विरोध किया और मसौदा कानून की प्रतियां फाड़ दीं। अखिलेश ने कहा कि दोहराया कि उनकी पार्टी इस विधेयक का कड़ा विरोध करती है और यह लोकतांत्रिक मूल्यों और क्षेत्रीय राजनीतिक आंदोलनों पर हमला है। सपा और अन्य विपक्षी दलों का इस विधेयक के खिलाफ विरोध जारी रहेगा।
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