विमल कुमार, आगरा
आगरा के बहुचर्चित संजलि हत्याकांड में कोर्ट ने 6 साल बाद अपना फैसला सुना दिया है। कोर्ट ने दोषी आकाश और विजय को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। कोर्ट ने दोनों दोषियों पर 5.23 लाख का जुर्माना भी लगाया है। एडीजे नितिन ठाकुर की अदालत ने वारदात को गंभीर बताते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई। मामला 18 दिसंबर 2018 का है। संजलि अपने स्कूल से घर लौट रही थी। दोषियों ने पेट्रोल छिड़ककर उसे आग के हवाले कर दिया था। संजलि अशर्फी देवी छिद्दी सिंह इंटर कॉलेज में 10वीं की छात्रा थी।
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संजलि को गंभीर हालत में आगरा के अस्पताल में दाखिल करवाया गया था। इसके बाद उसे दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में रेफर किया गया था। 19 दिसंबर की रात को दिल्ली में संजलि की मौत हो गई थी। संजलि की मौत के 6 घंटे बाद रिश्ते में लगने वाले उसके भाई ने जहर खाकर आत्महत्या कर ली थी। बताया गया था कि उसने ही हत्या की साजिश रची थी। आरोपी योगेश की मौत के बाद पुलिस ने योगेश के मामा के बेटे विजय और उसके रिश्तेदार आकाश को अरेस्ट किया था। मामला थाना मलपुरा क्षेत्र में सामने आया था।
फ्रेंडशिप करने का बना रहा था दबाव
ये मामला देशभर में सुर्खियों में रहा था। पुलिस ने पूरे मामले का खुलासा 25 दिसंबर 2018 को कर दिया था। विजय और आकाश को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। आरोप था कि आत्महत्या करने वाला योगेश छात्रा पर मित्रता करने का दबाव बना रहा था। छात्रा के इनकार करने पर उसने हत्या की साजिश रची थी। इसके बाद स्कूल से साइकिल पर घर लौट रही संजलि पर साथियों के साथ पेट्रोल डालकर जिंदा जला दिया था।
108 लोगों को बनाया था गवाह
पुलिस ने मामले में 2 हजार पन्नों की चार्जशीट दाखिल की थी। इस मामले में 108 लोगों को गवाह बनाया गया था। मौत से पहले संजलि के दिए बयान को भी पुलिस ने चार्जशीट में शामिल किया था। मामले में अप्रैल 2019 में आरोपियों पर आरोप तय हुए। संजलि के ताऊ सौदान सिंह, पिता हरेंद्र सिंह, मां अनीता, बहन समेत 26 लोगों ने मामले में गवाही दी।
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