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राजस्थान

मोरारी बापू की कथा में शामिल हुई वसुंधरा राजे, बोलीं- मर्यादा पुरुषोत्तम के आदर्शों पर चलें युवा

नाथद्वारा: राजस्थान में अगले वर्ष चुनाव को देखते हुए सभी पार्टियों ने नेता एक्टिव हो गए हैं। जनता की भावनाओं को लुभाने के लिए नेता मंदिर पॉलिटिक्स कर रहे हैं। इस कड़ी में भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने श्रीनाथजी की नगरी नाथद्वारा पहुंची और यहां चल […]

Author Edited By : Nirmal Pareek Updated: Nov 6, 2022 13:44
Vasundhara Raje joined the story of Morari Bapu
मोरारी बापू की कथा में शामिल हुई पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे

नाथद्वारा: राजस्थान में अगले वर्ष चुनाव को देखते हुए सभी पार्टियों ने नेता एक्टिव हो गए हैं। जनता की भावनाओं को लुभाने के लिए नेता मंदिर पॉलिटिक्स कर रहे हैं। इस कड़ी में भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने श्रीनाथजी की नगरी नाथद्वारा पहुंची और यहां चल रही मोरारी बापू की कथा सुनी।

बता दें कि फॉर्मर सीएम वसुंधरा राजे राजसमंद जिले के नाथद्वारा में बनी शिव प्रतिमा ‘विश्वास स्वरूपम’ परिसर में आयोजित रामकथा के 8वें दिन शीतल संत मोरारी बापू की कथा में हुई शामिल। आयोजित कथा में संत मोरारी बापू का आशीर्वाद लिया। संस्थान के अध्यक्ष मदन पालीवाल व ट्रस्टी मंत्रराज पालीवाल ने उनका स्वागत किया। बापू ने प्रभु श्रीराम व सीता माता के विवाह और भक्तों के चरित्र की कथा सुनाई।

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यहां पहुंचने के बाद राजे ने कहा भगवान श्रीराम के आदर्शों में ही विश्व की हर समस्या का समाधान है। उनके आदर्शों को यदि जीवन में उतार लिया जाए तो समाज का उद्धार संभव है। आज के युवाओं को मर्यादा पुरुषोत्तम के आदर्शों पर चलकर अपने, समाज और राष्ट्र के हित में भागीदारी निभानी चाहिए। राजे बोलीं, बापू के श्रीमुख से पुण्य कथा के श्रवण का सौभाग्य प्राप्त हुआ और अलौकिक आनंद की अनुभूति हुई।

आपको जानकारी के लिए बता दें राजस्थान में राजसमंद जिले के नाथद्वारा में बनी शिव प्रतिमा की ऊंचाई 369 फीट है, जिसे विश्वास स्वरूपम नाम दिया गया है। इस प्रतिमा को बनाने में 10 साल का समय लगा है। इसे दुनिया की टॉप-5 ऊंची प्रतिमाओं में स्थान मिला है। इसे संत कृपा सनातन संस्थान द्वारा तैयार किया गया है। नाथद्वारा की गणेश टेकरी पर बनी यह प्रतिमा 51 बीघा की पहाड़ी पर बनी है। इस प्रतिमा में भगवान शिव ध्यान एवं अल्लड़ की मुद्रा में विराजित हैं।

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First published on: Nov 06, 2022 01:44 PM

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