उदयपुर का मेंड्रेस ड्रग्स रैकेट मामला राजस्थान में पिछले कई सालों से चर्चा में रहा। यह मामला इतने बड़े पैमाने का था कि इसमें हजारों करोड़ रुपए के ड्रग्स की तस्करी सामने आई। आखिरकार इस गंभीर मामले में कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है। सात दोषियों को सजा सुनाई गई है, जिनमें से छह को 20 साल और एक को 9 साल की सजा मिली है। इस फैसले से यह साफ हो गया है कि कानून के आगे कोई बड़ा अपराध बच नहीं सकता। अब उम्मीद है कि इस तरह के अपराधों पर कड़ी नजर रखी जाएगी।
सातों दोषियों को सजा और जुर्माना
उदयपुर में साल 2016 में पकड़े गए बड़े मेंड्रेस ड्रग्स रैकेट मामले में सोमवार को कोर्ट ने सभी सात दोषियों को सजा सुनाई। NDPS ADJ-1 कोर्ट के न्यायाधीश मनीष वैष्णव ने छह दोषियों को 20-20 साल की सजा के साथ 2-2 लाख रुपये का आर्थिक दंड लगाया। जबकि एक दोषी अतुल म्हात्रे को 9 साल की सजा और 1 लाख रुपये का जुर्माना लिया गया। अतुल को गंभीर बीमार भी हैं। इस मामले में कुल सात दोषी थे, जिनमें से रवि दूदानी और परमेश्वर व्यास पिछले 9 साल से जेल में बंद थे। बाकी 5 आरोपी जमानत पर बाहर थे, जिन्हें अब सजा सुनाई गई। यह मामला करीब 3000 करोड़ रुपये के ड्रग्स की तस्करी का था जो पूरे राजस्थान में चर्चा में रहा।
सुनवाई में पेश हुए कई गवाह और सबूत
इस मामले की सुनवाई में लगभग 50 गवाहों के बयान लिए गए और 1000 से ज्यादा दस्तावेज पेश किए गए। साथ ही 300 इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की जांच भी की गई। इसके अलावा 1600 कंट्रोल सैंपलों का भी परीक्षण हुआ। इन सब सबूतों के आधार पर कोर्ट ने दोषियों को दोषी माना। केंद्र सरकार की ओर से राजस्थान हाईकोर्ट जोधपुर के अतिरिक्त महाधिवक्ता प्रवीण खंडेलवाल और दो लोक अभियोजकों ने पैरवी की। यह जांच और केस बहुत मुश्किल था और लंबे समय तक चला, लेकिन अदालत ने पूरी मेहनत के बाद न्याय दिया।
बड़ी मात्रा में ड्रग्स की बरामदगी
डायरेक्ट्रेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलीजेंस (DRI) की टीम को मुंबई से सूचना मिली थी कि बड़ी मात्रा में ड्रग्स उदयपुर में फैक्ट्री में बनाई जा रही हैं। 28 अक्टूबर 2016 को कलड़वास स्थित उस फैक्ट्री पर छापा मारा गया। छापेमारी के दौरान 23,500 किलो MD ड्रग्स बरामद हुई, जिसकी कीमत उस समय 3000 करोड़ रुपये से ज्यादा आंकी गई थी। इसके बाद गुडली और राजसमंद के धोइंदा इलाके में भी छापेमारी की गई थी। यह ड्रग्स रैकेट पूरे राज्य के लिए खतरनाक था, इसलिए इसे लेकर जांच कड़ी की गई।
कोर्ट में एडवोकेट्स की भीड़ और सजा का असर
सजा सुनाने के दिन कोर्ट रूम में और बाहर कई एडवोकेट भी मौजूद थे। दोपहर बाद जब दोषियों को कोर्ट में पेश किया गया तो एडवोकेट्स की बड़ी भीड़ वहां जमा हो गई। सभी की नजरें इस केस पर टिकी थीं क्योंकि यह मामला लंबे समय से सुर्खियों में था। दोषियों को सजा सुनाने से पहले कोर्ट के बाहर एडवोकेट्स का जमावड़ा लगा हुआ था। अब इस फैसले से उम्मीद है कि ड्रग्स की तस्करी पर कड़ी नजर रखी जाएगी और भविष्य में ऐसे अपराधों पर कड़ी कार्रवाई होगी।