Rajasthan News: राजस्थान में संजीवनी घोटाले में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने याचिका पर आज हाईकोर्ट में सुनवाई होगी। शेखावत की ओर से दायर याचिका में संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी मामले की जांच अनियमित जमा पर प्रतिबंध योजना अधिनियम 2019 के तहत किए जाने की मांग की गई है। बता दें कि यह याचिका पिछले माह लगाई गई थी।
सीबीआई जांच की मांग को लेकर दायर की याचिका
हाईकोर्ट में जस्टिस प्रवीन भटनागर की बेंच इस मामले की सुनवाई करेगी। मंत्री शेखावत की ओर से दायर याचिका में यह भी कहा गया है कि सोसायटी का स्टेटस मल्टीस्टेट है ऐसे में अधिनियम के प्रावधान के अनुसार जांच सीबीआई को भेजी जानी चाहिए। इस मामले को लेकर दोनों ही नेता एक दूसरे पर जबरदस्त हमलावर रहे हैं।
सीएम गहलोत ने मंत्री शेखावत पर अभियुक्त होने का आरोप लगाया है। सीएम ने शेखावत के हाईकोर्ट में याचिका पर कहा कि शेखावत इस मामले में कार्रवाई से बचने के लिए ऐसा कर रहे हैं।
जानें क्या है संजीवनी घोटाला
संजीवनी क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी को राजस्थान सोसायटी एक्ट के तहत 2008 के तहत रजिस्टर्ड कराया गया था। 2010 में इसे सोसायटी मल्टी स्टेट को-ऑपरेटिव सोसायटी के रूप में बदल दिया गया। इसके द्वारा लोगों को अच्छे रिटर्न का लालच दिया गया और जिसके बाद बड़ी संख्या में लोगों ने इसमें निवेश करना शुरू कर दिया।
सोसायटी के प्रथम प्रबंध निदेशक विक्रम सिंह थे, जिसे इस घोटाले का मास्टरमाइंड कहा जाता है और फिलहाल वो जेल में बंद हैं। तकरीबन 1 लाख से ज्यादा लोगों ने इस सोसायटी में करीब 900 करोड़ रुपए का निवेश किया था, लेकिन बाद में सोसायटी द्वारा लोगों को लौटाया नहीं गया।
बता दें कि संजीवनी मामले में करीब 900 करोड़ के घोटाले का आरोप है। एसओजी ने अब तक इस मामले में सोसायटी के मुखिया विक्रम सिंह इंद्रोई समेत कई लोगों को अरेस्ट किया है। अभी हाल ही में केंद्रीय मंत्री के नजदीकी सीए और डाकलिया परिवार के लोगों की भी गिरफ्तारी हुई हैं।