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Rajasthan Politics: हाईकोर्ट में बोले राजेंद्र राठौड़- आखिर किसके दबाव में आकर 91 विधायकों ने दिए थे इस्तीफे

Rajasthan Politics: राजस्थान विधानसभा सचिवालय ने सोमवार को हाईकोर्ट में बताया कि विधायकों ने स्वेच्छा से इस्तीफा नहीं दिया था और उन्होंने व्यक्तिगत रूप से स्पीकर सीपी जोशी से इस्तीफा वापस लेने की गुजारिश की थी। विधानसभा सचिव में कोर्ट में पेश किया जवाब विधानसभा सचिव ने कोर्ट में कहा कि विधायकों ने स्वेच्छा से अपना […]

Edited By : Rakesh Choudhary | Updated: Jan 31, 2023 15:10
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Rajasthan Politics, Rajendra Rathore
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Rajasthan Politics: राजस्थान विधानसभा सचिवालय ने सोमवार को हाईकोर्ट में बताया कि विधायकों ने स्वेच्छा से इस्तीफा नहीं दिया था और उन्होंने व्यक्तिगत रूप से स्पीकर सीपी जोशी से इस्तीफा वापस लेने की गुजारिश की थी।

विधानसभा सचिव में कोर्ट में पेश किया जवाब

विधानसभा सचिव ने कोर्ट में कहा कि विधायकों ने स्वेच्छा से अपना इस्तीफा वापस ले लिया। (Rajasthan Politics) उन्होंने कोर्ट से कहा कि विधायकों के इस्तीफे के संबंध याचिका दायर करने में जल्दबाजी की गई। क्योंकि स्पीकर ने इस्तीफों के संबंध में कोई फैसला नहीं लिया था।

बता दें कि सचिन पायलट को विधायक दल का नेता घोषित किए जाने से रोकने के लिए (Rajasthan Politics) 25 सितंबर 2022 को कांग्रेस के 91 विधायकों ने शहरी विकास मंत्री शांति धारीवाल के घर सामूहिक इस्तीफा दिया था।

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राजेंद्र राठौड़ ने दायर की थी याचिका

अशोक गहलोत के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने की संभावना के बीच बुलाई गई बैठक में विधायकों ने इस्तीफे का ऐलान किया था। कांग्रेस के आलाकमान द्वारा इसे विद्रोह के रूप में देखा गया। इसके बाद विधानसभा उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कोर्ट में याचिका दायर करके स्पीकर पर फैसला नहीं लिए जाने पर सवाल उठाए थे।

राठौड़ बोले- किसके दबाव में दिए गए थे इस्तीफे

हाईकोर्ट में विधानसभा उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने दलीले पेश करते हुए कहा कि स्पीकर के जवाब में एक सनसनीखेज बात सामने आई है कि विधायकों ने अपनी मर्जी से इस्तीफा नहीं दिया था। इसका मतलब यह हुआ कि यह दबाव में पेश किया गया था।

विधानसभा सचिव के द्वारा दी गई दलीलों में यह बात भी सामने आई कि सभी 91 विधायकों ने व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर इस्तीफे नहीं दिए थे।

छः लोगों ने दिए थे इस्तीफे

विधानसभा सचिव के द्वारा जो जवाब प्रस्तुत किया गया उसके अनुसार मुख्य सचेतक महेश जोशी, उप सचेतक महेंद्र चौधरी, निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा, मंत्री शांति धारीवाल और राम लाल जाट तथा विधायक रफीक खान ने संयुक्त रूप से 81 विधायकों का इस्तीफा सौंपा था।

राज्य विधानसभा के नियम के मुताबिक, इस्तीफा तब तक मंजूर नहीं किया जा सकता है जब तक कि ये इस्तीफे सही नहीं पाए जाते हैं। सभी विधायकों ने खुद आकर इस्तीफा नहीं दिया था बल्कि छह विधायकों ने संयुक्त रूप से उनके इस्तीफे से जुड़ा पत्र दिया था और पांच ने फोटो कॉपी सब्मिट की थी।

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First published on: Jan 31, 2023 12:11 PM
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