Rajasthan Politics: राजस्थान में इसी साल विधानसभा चुनाव प्रस्तावित हैं। इससे पहले दोनों मुख्य पार्टियां कांग्रेस और बीजेपी अपनी रणनीतियों को अमलीजामा पहनाने में जुटी है। जहां कांग्रेस में एक तरफ दो सह चुनाव प्रभारियों की नियुक्ति की गई है। जिले से मंडल की टीम में सभी खाली पदों को प्राथमिकता के साथ भरा जा रहा है। तो वहीं दूसरी तरफ बीजेपी भी राज्य और जिले की टीमों में फेरबदल करने में जुटी है।
2 महीने नियुक्त हुए नए प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी भी राज्य की टीम में कई बदलाव कर सकते हैं। इसको लेकर उन्होंने दिल्ली में हाईकमान के साथ एक बैठक भी की है।
संघ पृष्ठभुमि से आने वाले नेताओं को मिलेगी तवज्जो
विधानसभा चुनावों से पहले बीजेपी राज्य कार्यकारिणी की टीम में अहम् बदलाव कर सकती है। राज्य की टीम में जिलेवार और जातियों को समीकरणों को ध्यान में रखते हुए बड़े बदलाव किए जा सकते है। तो वहीं वर्षों से जमे पदाधिकारियों को हटाकर संघ की पृष्ठभुमि से आने वाले नेताओं को भी इस बार ज्यादा तवज्जो दी जा सकती है।
जातिगत समीकरणों का रखा जाएगा ध्यान
सूत्रों की मानें तो प्रदेश कार्यसमिति की बैठक के बाद नई टीम का ऐलान हो सकता है। यह भी जानकारी सामने आ रही है कि कई जिलों के जिलाध्यक्षों को भी बदला जा सकता है। यानि जिले से लेकर राज्य स्तर के पदाधिकारियों को चुनाव से पहले बदलने का रोडमैप लगभग तैयार हो चुका है। इस फेरबदल में जातिगत समीकरणों का भी पूरा ध्यान रखा जाएगा। जाट, माली, राजपूत, यादव जाति के पदाधिकारियों को प्राथमिकता दी जा सकती है।
इन चेहरों पर रहेगी नजर
कार्यसमिति की बैठक में कुछ बड़े दिग्गजों की वापसी पर भी चर्चा हो सकती है। बीकानेर से देवी सिंह भाटी, अलवर से रोहिताश्व शर्मा की पार्टी में वापसी की अटकलें हैं। इसके अलावा कार्यकारिणी में होने वाले फेरबदल में जयपुर के विराटनगर से संघ की पृष्ठभुमि से आने वाले जीएल यादव को स्थान मिल सकता है।