---विज्ञापन---

Rajasthan: सुदूर गांवों तक पहुुंची अंग्रेजी माध्यम शिक्षा की किरण, सीएम गहलोत की इस योजना से बदल गई स्कूलों की तस्वीर

Rajasthan: महानगरों की अत्याधुनिक सुख-सुविधाओं से दूर अजमेर के बोराज जैसे छोटे से गांव के सरकारी स्कूल में धाराप्रवाह अंग्रेजी में बात करते बच्चे राजस्थान के बदलते शैक्षणिक परिदृश्य की सुनहरी तस्वीर पेश कर रहे हैं। यह संभव हुआ है, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अभिनव सोच से लागू हुई महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम विद्यालय योजना के […]

Edited By : Rakesh Choudhary | Updated: Jun 11, 2023 14:46
Share :
Rajasthan News, Cm Ashok Gehlot

Rajasthan: महानगरों की अत्याधुनिक सुख-सुविधाओं से दूर अजमेर के बोराज जैसे छोटे से गांव के सरकारी स्कूल में धाराप्रवाह अंग्रेजी में बात करते बच्चे राजस्थान के बदलते शैक्षणिक परिदृश्य की सुनहरी तस्वीर पेश कर रहे हैं। यह संभव हुआ है, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अभिनव सोच से लागू हुई महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम विद्यालय योजना के जरिए। इस योजना से न सिर्फ राजकीय विद्यालयों का कायाकल्प हुआ है, बल्कि उन सभी माता-पिता के मन में पल रहे सपनों को नया आसमान भी मिला है, जो कमजोर आर्थिक स्थिति के चलते बच्चों को निजी विद्यालयों में शिक्षा दिलवा पाने में असक्षम थे।

परमजीत की मुराद हुई पूरी

फेरी लगाकर परिवार पालने वाली परमजीत बताती हैं कि उनकी मामूली कमाई के जरिए जैसे-तैसे जीवन बसर हो पाता है। ऐसे में बच्चों के लिए प्राइवेट स्कूलों की ऊंची फीस भरना कभी भी उनके बस की बात नहीं थी। आज महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूलों की स्थापना उनके जैसे परिवारों के लिए बहुत बड़ी सौगात है। उनकी बिटिया मनमीत बोराज स्थित महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूल की चौथी कक्षा में पढ़ाई कर रही है।

---विज्ञापन---

वह कहती हैं कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उनके बच्चों के लिए चिंता की। उन्हें खुशी है कि निशुल्क शिक्षा के तहत न केवल गुणवत्ता वाले स्कूल खोले गए हैं बल्कि योग्यताधारी टीचर्स की सेवाएं भी उपलब्ध करवाई हैं। बच्चों को पोषाहार, दूध, अध्ययन सामग्री जैसी निःशुल्क सुविधाएं भी इस स्कूल में मिल रही हैं।

अभिभावकों को मिली राहत

मजदूरी कर परिवार चलाने वाली रीना रावत ने सपने में भी नहीं सोचा था कि उनकी बेटी कभी इंग्लिश मीडियम स्कूल में पढ़ने जाएगी। सरकार ने महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूल खोलकर उनके परिवार को बड़ा संबल दिया है। इसी प्रकार पुताई का कार्य करने वाले चेतन व राजेश वर्मा कहते हैं कि उनके लिए अपने बच्चों को अंग्रेजी माध्यम में पढ़ाना सपने जैसा था, जो सरकार की पुनीत मंशा से साकार हुआ है।

---विज्ञापन---

विद्यार्थियों का बढ़ा मनोबल

स्कूल में पढ़ने वाली कनक, मनमीत, मनीषा व आयशा जैसी छात्राएं अब अंग्रेजी भाषा में बात करने लगी हैं। उनका मनोबल भी बढ़ा है। वह दिन दूर नहीं, जब ये बच्चे अन्य बच्चों की तरह प्रतियोगी परीक्षाएं उत्तीर्ण कर अपने स्कूल, परिवार एवं राज्य का नाम रोशन करेंगे।

भामाशाहों ने दिल खोलकर की मदद

स्कूल प्रधानाचार्य शिव सुमन चौहान बताते हैं कि इंग्लिश मीडियम होने के बाद भामाशाहों ने भी पचास लाख की राशि स्कूल के विकास कार्यों के लिए प्रदान की है। शिक्षक एनके जोशी का कहना है कि शाला में बाल वाटिका की सुविधा के तहत नर्सरी, एलकेजी व एचकेजी स्टैंडर्ड में बच्चों को मनोरंजक गतिविधियों के साथ शिक्षा प्रदान की जा रही है ताकि वे सीखने का आनंद ले सकें। विद्यालय के कर्मचारी भी पूरी लगन व मेहनत से शिक्षण की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए प्रयास कर रहे हैं।

HISTORY

Edited By

Rakesh Choudhary

First published on: Jun 11, 2023 02:46 PM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें