जयपुर से केजे श्रीवत्सन् की रिपोर्टः बहुचर्चित अलवर माॅब लिंचिंग मामले में गुरुवार को एडीजे कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया। मामले में 4 आरोपियों को 7-7 साल की सजा सुनाई गई। जबकि 1 आरोपी को बरी कर दिया गया। बता दें कि पुलिस ने इस मामले में साल 2019 में 5 आरोपियों के खिलाफ 129 पेज चार्जशीट फाइल की थी और 67 लोगों को गवाह बनाया गया था।
ये था मामला
20 जुलाई 2018 को अलवर के रामगढ़ इलाके के लालदंडी गांव में गौतस्करी के आरोप में कुछ लोगों ने 28 साल के रकबर उर्फ अकबर खान और उसके साथी असलम की कथित गौरक्षकों ने बुरी तरीके से पीटा था। इस दौरान रकबर का साथी किसी तरह घटनास्थल से जान बचाकर भागने में सफल रहा।
लेकिन बेरहमी से हुई पिटाई के बाद बुरी तरह से घायल रकबर की अस्पताल ले जाने के दौरान मौत हो गई थी। इस घटना के बाद देशभर में बवाल मचा था।
फिलहाल जमानत पर बाहर हैं चारों आरोपी
पुलिस ने धर्मेंद्र, परमजीत सिंह, नरेश, विजय और नवल को आरोपी मानते हुए गिरफ्तार किया था। ये सभी आरोपी अभी हाईकोर्ट से जमानत पर हैं। रकबर मॉब लिंचिंग के मामले में उसके परिजनों ने जिला जज अदालत में केस ट्रांसफर की याचिका भी लगाई थी।
हालांकि, याचिका खारिज हो गई थी और केस एडीजे-1 की अदालत में चला। प्रशासन ने यह मामला राज्य सरकार के गृह और विधि विभाग को भेजा था। बाद में राज्य सरकार ने इसमें हाईकोर्ट के सीनियर एडवोकेट नासिर अली नकवी को पैरवी के लिए नियुक्त किया था।