केजे श्रीवत्सन, जयपुर
राजस्थान में एक सरकारी स्कूल के अध्यापक को होलिका दहन को लेकर सोशल मीडिया पर टिप्पणी करना भारी पड़ गया। सूबे के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने इसे धर्म विशेष की मान्यताओं के खिलाफ टिप्पणी बताते हुए उसे एपीओ कर दिया है। दरअसल मामला कोटा जिले के संस्कृत विद्यालय के वरिष्ठ अध्यापक लालचंद शाक्यवाल से जुड़ा हुआ है। शाक्यवाल ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर होलिका दहन को बंद करने को लेकर कमेंट किया था। शाक्यवाल ने लिखा था कि एक नारी को जिंदा जलाकर खुशियां मनाते हो। वहीं, हर साल एक पुरुष को जलाकर दशहरा मनाते हो, क्या यही धर्म है?
प्राचार्य के खिलाफ हो चुका एक्शन
शिक्षा मंत्री मदन दिलावर के संज्ञान में जब यह बात आई तो उन्होंने इसे हिंदू धर्म पर आपत्तिजनक टिप्पणी माना और लालचंद शाक्यवाल को एपीओ करने का आदेश जारी कर दिया। यही नहीं, इस अवधि के दौरान शाक्यवाल को जयपुर स्थित संस्कृत शिक्षा अधिकारी के दफ्तर में हाजिरी लगाने को कहा गया है। गौरतलब है कि कुछ दिन पहले मदन दिलावर ने अपने गृह क्षेत्र कोटा जिले में एक इंग्लिश मीडियम स्कूल के खिलाफ भी एक्शन लिया था। इस स्कूल में विदाई समारोह के लिए छपवाए गए निमंत्रण पत्र पर उर्दू भाषा में लिखा गया था। शिक्षा मंत्री ने मामले में प्राचार्य के खिलाफ एक्शन लिया था।
होलिका दहन पर टिप्पणी pic.twitter.com/BOwjM1k2dZ
---विज्ञापन---— parmod chaudhary (@parmoddhukiya) March 17, 2025
क्या होता है APO?
राजस्थान में किसी अधिकारी को Awaiting Posting Order (APO) घोषित करने का अर्थ होता है कि उसे नियुक्ति से हटा दिया जाता है। विभाग की ओर से जब तक आदेश जारी नहीं किए जाते, तब तक उसे कोई विशेष कार्य या जिम्मेदारी नहीं दी जाती है। कर्मचारी की नौकरी बनी रहती है और वेतन मिलता रहता है। इस दौरान यह भी बताया जाता है कि कर्मचारी को कहां अटेंडेंस लगानी है? पहले किसी कर्मचारी को 30 दिन तक एपीओ किया जा सकता था, अब यह अवधि 10 दिन की होती है।
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