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Exit Polls: गहलोत का जादू…राजस्थान में कांग्रेस बदलेगी रिवाज, एग्जिट पोल के 5 संदेश

Rajasthan Election Exit Polls 2023: एग्जिट पोल के नतीजों से क्या संदेश मिल रहा है। कांग्रेस को बढ़त मिलती है तो इसके मायने क्या हैं?

Edited By : Pushpendra Sharma | Updated: Nov 30, 2023 20:48
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Rajasthan Exit Polls 2023
Rajasthan Exit Polls 2023

Rajasthan Election Exit Polls 2023: राजस्थान में विधानसभा चुनावों को लेकर एग्जिट पोल के नतीजे गुरुवार शाम घोषित हो गए। 3 दिसंबर को आने वाले परिणाम से पहले एग्जिट पोल से नतीजों का थोड़ा अनुमान लग चुका है। राजस्थान में Congress की सरकार रिपीट होती दिखाई दे रही है।

न्यूज 24- टुडेज चाणक्या के स्टेट एनालिसिस में कांग्रेस बहुमत यानी 100 के आंकड़े को पार करती नजर आ रही है। कांग्रेस को 101, बीजेपी को 89 और अन्य को 9 सीटें मिलती दिख रही हैं। आइए जानते हैं कि एग्जिट पोल के इन नतीजों से क्या संदेश मिल रहा है। अगर राजस्थान में Congress की सरकार रिपीट होती है तो इसके मायने क्या हैं…

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1. राजस्थान में बदलेगा रिवाज

राजस्थान में पिछले 30 साल से सत्ता बदलने का ट्रेंड है। यदि एग्जिट पोल के नतीजे सही साबित होते हैं तो ये मान लेना चाहिए कि इस बार रिवाज बदलेगा। कांग्रेस सत्ता में बरकरार रहेगी। अशोक गहलोत का जादू चलेगा और वह इतिहास रच देंगे। जनता में उनका विश्वास बरकरार रहेगा।

2. एंटी इनकंबेंसी यानी सत्ता विरोधी लहर खारिज

अशोक गहलोत सरकार की तमाम योजनाओं के बावजूद स्थानीय विधायकों के प्रति नाराजगी नजर आई, लेकिन इसके बावजूद कांग्रेस बहुमत हासिल करती नजर आ रही है। बीजेपी पेपर लीक, भ्रष्टाचार और तुष्टिकरण के मुद्दों को नहीं भुना पाई। हर बार की तरह सत्ता विरोधी लहर खारिज होती नजर आ रही है। जनता एक बार फिर सत्ता पर काबिज पार्टी पर ही भरोसा जता रही है।

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3. गहलोत-पायलट गुटबाजी, लेकिन कार्यकर्ताओं में विश्वास

कांग्रेस सरकार में अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच अनबन ने वोटरों के बीच असमंजस की स्थिति पैदा कर दी थी, लेकिन कार्यकर्ता एकजुट रहे। कांग्रेस आलाकमान ने अशोक गहलोत- सचिन पायलट को एक मंच पर लाकर सकारात्मक संदेश दिया। दोनों नेताओं ने भी एक-दूसरे के खिलाफ बहुत ज्यादा बयानबाजी नहीं की। सचिन पायलट ने गहलोत के साथ मिलकर चुनाव जिताने पर पूरा जोर लगाया।

4. गहलोत सरकार की योजनाएं

गहलोत सरकार की कई योजनाएं लोगों के फायदे की रहीं। भले ही स्थानीय विधायकों के प्रति थोड़ी नाराजगी रही, लेकिन गहलोत के प्रति किसी तरह का गुस्सा नजर नहीं आया। कांग्रेस के महिला आधारित चुनावी कैंपेन का भी इसमें बड़ा रोल माना जा सकता है। कांग्रेस की ‘चिरंजीवी’, सस्ता सिलेंडर, फ्री बिजली, स्कूटी और मोबाइल जैसी योजना ने भी इसमें बड़ी भूमिका निभाई है। कांग्रेस की 7 गारंटियों पर भी लोगों ने भरोसा जताया है। सरकारी कर्मचारियों में ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) ने भी बड़ी भूमिका निभाई।

5. बीजेपी के कार्यकर्ताओं में असमंजस की स्थिति 

बीजेपी ने वसुंधरा राजे को दरकिनार तो नहीं किया, लेकिन सीएम फेस भी घोषित नहीं किया। कई नेताओं के टिकट काटे गए। हालांकि जाट, राजपूत, गुर्जर और ब्राह्मण के वोट भी बीजेपी के पक्ष में जाते दिख रहे हैं, लेकिन कुल वोट प्रतिशत कांग्रेस के पक्ष में जाता नजर आ रहा है। कांग्रेस को एससी के 58 प्रतिशत, मीणा-एसटी के 46 प्रतिशत और मुस्लिम के 83 प्रतिशत वोट पक्ष में नजर आ रहे हैं। कुल मिलाकर राजस्थान में भले ही बीजेपी को पिछली बार से सीटें ज्यादा मिलती नजर आ रही हों, लेकिन बहुमत के आंकड़े पर नहीं पहुंच पा रही है। यानी गहलोत का मैजिक चलता नजर आ रहा है, लेकिन कांग्रेस जीतती है तो सीएम कौन बनेगा ये देखना दिलचस्प होगा।

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Edited By

Pushpendra Sharma

First published on: Nov 30, 2023 08:26 PM

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