Rajasthan Election 2023: सीएम अशोक गहलोत ने शनिवार को प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में आयोजित बैठक को वर्चुअली संबोधित किया। उन्होंने कहा कि हमारी हाल में शुरू की गई योजनाओं से जनता के बीच परसेप्शन बदला है। लेकिन लोग कहने लगे हैं कि सरकार आ सकती है। सरकार आ सकती है और आ रही है में बहुत फर्क है। मुझे पता है कि सरकार बनाने के लिए बहुत सी चीजें करनी पड़ती हैं। मुझे पता है, हम कहां कमजोर हैं, कहा ठीक हैं।
कार्यकर्ताओं को मेहनत करनी होगी
सीएम गहलोत ने कांग्रेस के नवनियुक्त जिलाध्यक्षों की मीटिंग में कहा कि अगर आप लोग फील्ड में सरकार की स्कीम का माहौल बना दोंगे तो लोग कहने लगेगे कि कांग्रेस सरकार आ रही है। आप लोग मेहनत करोगे तो हम कामयाब होंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सरकार के पक्ष में माहौल मेरी वजह से नहीं बनना है। उन्होंने अधिकारियों की तारीफ करते हुए कहा कि केवल बजट पेश करने से कुछ नहीं होता उसको लागू करना बड़ी बात होती है। मैंने बजट की अधिकांश घोषणाओं को इंप्लीमेंट करना शुरू कर दिया है। हमें चुनाव जीतने के लिए कई बातें करनी पड़ती हैं। इसमें कार्यकतााओं को मेहनत करनी होगी और जनसंपर्क करना होगा। तभी हम सरकार रिपीट कर पाएंगे।
इस दौरान उन्होंने बीजेपी पर भी जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में एनसीपी विधायकों ने बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बना ली। इससे पहले पीएम ने भोपाल में कहा कि एनसीपी ने 70 हजार करोड़ का घोटाला कर दिया। 3 दिन बाद उसी एनसीपी से विधायक तोड़ लिए और मंत्री बना लिया। भाजपा के पास वाॅशिंग मशीन लगी हुई है जैसे ही दूसरी पार्टी के नेता इसमें शामिल होते हैं, वे पाक साफ हो जाते हैं।
बीजेपी में वाॅशिंग मशीन लगी हुई है
उन्होंने आगे कहा कि जिन मंत्रियों पर भ्रष्टाचार के आरोप थे उन्हें मंत्री बना दिया। अजीत पवार पर 1 हजार करोड़ का चार्ज था। बीजेपी सरकार में शामिल होते ही सब पाक साफ हो गए। इनका जिस तरह का बर्ताव था, पता नहीं देश किस दिशा में जा रहा है। उन्होंने अपनी पार्टी के पदाधिकारियों की आलोचना करते हुए कहा कि पहले पदाधिकारी बनने के लिए लोग सिफारिश करवाते हैं हमें पद मिलना चाहिए। इसके बाद काम करने के लिए प्रदेश अध्यक्ष को 5 लोग भी नहीं मिलते हैं। अध्यक्ष ढूंढता रह जाता है।
सीएम बोले- डाॅक्टर मेरी चोट देखकर अचरज में आ गए
सीएम ने कहा कि सोनिया गांधी ने एक बार कहा था कि सबको धैर्य रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि धैर्य रखने वाले को कभी न कभी पद जरूर मिलता है। कई उदाहरण सामने हैं, कई लोग विधायक, सांसद बने जो सोच भी नहीं सकते थे। इस समय जो पदाधिकारी बने हैं उन पर जिम्मेदारी ज्यादा है। इस दौरान उन्होंने अपनी चोट का भी जिक्र किया और कहा कि मेरी चोट को देखकर डाॅक्टर भी अचरज में थे। मेरे दोनों अंगूठे एक साथ कैसे फ्रेक्चर हो गए? उन्होंने कहा कि यह तो गनीमत रही कि अंगूठे ही चोटिल हुए अगर कुल्हे में चोट लगती तो और ज्यादा मुश्किल होती।