Rajasthan Assembly Election 2023 Protest Against BJP Candidate Alwar: राजस्थान विधानसभा चुनाव में जैसे-जैसे प्रत्याशियों की घोषणा हो रही है उसके साथ बगावत के सुर भी तेज हो रहे हैं। अब ताजा मामला अलवर से है। भाजपा ने पहली सूची में अलवर से बाबा बालकनाथ को तिजारा सीट से प्रत्याशी बनाया था। इसके बाद इसी सीट से दावेदारी कर रहे मामन सिंह ने विद्रोही तेवर दिखाए। यही हाल थानागाजी सीट का है। यहां से पार्टी ने पूर्व मंत्री हेम सिंह भड़ाना को टिकट दिया था। लेकिन इस सीट से दावेदारी रोहिताश घांघल से बगावत का बिगुल फूंक दिया।
रोहितलाश घांघल भाजपा की युवा मोर्चा के जिला उपाध्यक्ष और किसान मोर्चा के प्रभारी रहे हैं। फिलहाल वे पार्षद हैं। बुधवार को उन्होंने भतृहरि बाबा मंदिर में धोक दी और चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया। बता दें के घांघल इससे पहले 2018 के विधानसभा चुनाव में दावेदारी कर चुके हैं। इससे पहले हेम सिंह का जब 2018 में टिकट कटा तो वे भी बागी होकर चुनाव लड़े थे।
घांघल और बानसूर में बागियों ने दिखाए तेवर
रोहिताश घांघल ने कहा कि एक ही व्यक्ति को बार-बार टिकट देना गलत है। उन्होंने पिछली बार पार्टी को गलत शब्द भी बोले थे। उनके बेटे पर मारपीट और रेप का आरेाप है। इस सीट पर कांति मीणा और हेमसिंह ही बार-बार विधायक बनते आये हैं। ऐसे में इस बार क्षेत्र की जनता बदलाव चाहती है। जनता ने तय किया है वह इस बार चुनाव लड़े इसलिए मैं दावेदारी पेश करूंगा। वहीं बानसूर सीट पर पूर्व मंत्री रोहिताश्व शर्मा ने बगावत कर दी है। 2018 के चुनाव में जब उन्हें भाजपा से टिकट नहीं मिला तो वे निर्दलीय मैदान में उतरे और चुनाव हार गए। वहीं इस बार भी वे भाजपा में वापसी की कोशिशों में जुटे थे लेकिन जब वापसी नहीं हुई तो अब वे आजाद समाज पार्टी के चिन्ह पर चुनावी मैदान में उतरेंगे।
मुंडावर सीट से कांग्रेस में बगावत
वहीं उधर कांग्रेस में मुंडावर सीट पर बगावत की खबरें हैं। पूर्व विधायक मेजर ओपी यादव की पुत्रवधु अंजलि यादव ने टिकट की दावेदारी की थी। टिकट नहीं मिलने पर अंजलि ने मुंडावर से चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है। बता दें कि अलवर में विधानसभा की 11 सीटें हैं। भाजपा ने अब तक 6 सीटों पर तो कांग्रेस ने 4 सीटों पर प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया है।