Mukhyamantri Ayushman Jeevan Raksha Yojana: भारत में 2022 में 4,61,000 से ज्यादा हादसे दर्ज किए गए हैं। जिसमें तकरीबन 1,68,000 लोगों की जान गई। इसमें मौत की दो वजह हो सकती है, पहली जिसमें व्यक्ति की मौके पर ही मौत हो जाती है तो कभी इलाज ना मिल पाने के कारण मौत हो जाती है। अक्सर देखा जाता है कि लोग हादसे वाली जगह पर वीडियो बनाते हैं लेकिन कोई घायलों की मदद नहीं करता है। इसके लिए राजस्थान सरकार एक स्कीम लेकर आई है। जिसके तहत घायल व्यक्ति को अस्पताल पहुंचाने के बदले पैसे दिए जाएंगे।
कई बार लोग हादसों को देखकर भी अंदेखा करके निकल जाते हैं। लोग सोचते हैं कि कौन एक्सीडेंट के केस को लेकर अस्पताल जाए, बाद में पुलिस केस होगा। पुलिस स्टेशन के चक्कर ना काटने पड़े इसके लिए लोग मदद नहीं करते हैं। लेकिन अब राजस्थान सरकार ने इसके लिए एक योजना शुरू की है।
मदद के बदले मिलेंगे पैसे
राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने अपने राज्य के नागरिकों की सुरक्षा के तहत एक स्कीम शुरू की है। मुख्यमंत्री आयुष्मान जीवन रक्षा योजना के तहत घायलों को अस्पताल पहुंचाने वालों को 10 हजार तक की राशि दी जाएगी। इस स्कीम के आने के बाद से बिना किसी के डर के लोग अब घायलों की मदद कर पाएंगे। मदद करने वालों को भजनलाल सरकार 10000 और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित भी करेगी। ये स्कीम चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा चलाई जाएगी।
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कैसे बांटे जाएंगे पैसे
मान लीजिए आप रास्ते में किसी घायल व्यक्ति को देखते हैं कि उसको मदद की जरूरत है। ऐसे में अगर आप अकेले ही उसकी मदद कर रहे हैं तो इस योजना के तहत सारा पैसा आपको मिलेगा। वहीं, कई लोग मिलकर घायल की मदद करते हैं तो उस राशि को उन सभी में बराबर बांट दिया जाएगा। इस स्कीम से एक फायदा ये भी होगा कि लोग अब मदद के लिए कई लोगों के आने का इंतजार नहीं करेंगे खुद से ही मदद का हाथ बढ़ाएंगे। ये राशि हादसे के 5 दिनों के अंदर ही आपके खाते में भेज दी जाएगी।
राशि के अलावा जो प्रशस्ति पत्र मिलेगा वो आपको स्पीड पोस्ट के जरिए भेजा जाएगा। इसके साथ ही व्हाट्सएप पर भी इसकी एक कॉपी भेजी जाएगी। इसके अलावा प्रशस्ति पत्र को मुख्यमंत्री आयुष्मान जीवन रक्षा योजना के पोर्टल से भी ले सकते हैं। इस योजना में वो लोग भी शामिल हैं जिनको लाभ नहीं मिलेगा। अगर आप अपने परिवार या रिश्तेदार की मदद करते हैं तो आपको इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा। इस तरह की योजनाएं भारत सरकार की तरफ से राज्यों में चलाई जा रही हैं, जिसमें अलग अलग पुरस्कार का प्रावधान है।